💎 आज के बाजार में सबसे स्वस्थ कंपनियों को देखेंशुरू करें

कांग्रेस के जाति कार्ड को बेअसर करने के लिए हिंदू वोटरों को एकजुट रखने का 'भाजपा प्लान'

प्रकाशित 06/10/2023, 12:56 am
कांग्रेस के जाति कार्ड को बेअसर करने के लिए हिंदू वोटरों को एकजुट रखने का 'भाजपा प्लान'

नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। नीतीश कुमार और लालू यादव की गठबंधन सरकार ने बिहार में जाति सर्वे के आंकड़ों को जारी कर एक बड़ा चुनावी दांव खेल दिया है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी उत्तर प्रदेश में यही मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने जातीय जनगणना की पुरजोर मांग करते हुए 'जितनी आबादी, उतना हक' का नारा देकर यह स्पष्ट कर दिया कि विपक्षी गठबंधन इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने जा रहा है। इसे देश में मंडल पार्ट-2 की राजनीति के नए दौर के रूप में भी देखा जा रहा है। 2024 में लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने की तैयारियों में जुटी भाजपा, विपक्षी गठबंधन के मंडल पार्ट-2 की राजनीति को मात देने के लिए नए सिरे से कमंडल पार्ट-2 की राजनीति को भी शुरू कर सकती है।

भाजपा विपक्षी दलों को हराने के लिए हिंदू वोटरों को एकजुट करने के मिशन में जुट गई है। भाजपा के दो शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस रणनीति पर काम करना शुरू भी कर दिया है और आने वाले दिनों में भाजपा इसे लेकर कई अहम कदम भी उठा सकती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि कांग्रेस हिंदुओं को बांटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नया राग अलापना शुरू किया है- जितनी आबादी, उतना हक। इससे साफ है कि वो देशवासियों में आपसी खाई और वैर-भाव बढ़ाना चाहती है। सच्चाई ये है कि अगर हक की बात करनी ही है, तो वे कहेंगे कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक भारत के गरीबों का है। मोदी के लिए गरीब सबसे बड़ी आबादी है।

दूसरी तरफ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ बैठक कर राज्य में लागू किए जाने वाले यूसीसी (समान नागरिक संहिता) को लेकर चर्चा की।

बताया जा रहा है कि शाह और धामी की बैठक के दौरान उत्तराखंड सरकार द्वारा यूसीसी को लेकर गठित की गई विशेषज्ञों की समिति की अध्यक्ष रंजना देसाई और समिति के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।

सूत्रों की माने तो बैठक में इस वर्ष के अंत तक राज्य में यूसीसी लागू करने और इससे जुड़े विभिन्न प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गई।

दरअसल, भाजपा यूसीसी को लेकर उत्तराखंड को एक उदाहरण के रूप से टेस्ट केस बनाना चाहती है और फिर इससे मिले अनुभवों के आधार पर भाजपा शासित अन्य राज्य भी आगे बढ़ेंगे।

भाजपा को यह लगता है कि विपक्षी दल अल्पसंख्यक समुदाय की बात कहते हुए यूसीसी का जितना विरोध करेंगे, देश भर में हिंदू वोटर उतने ही एकजुट होंगे। भाजपा के पास तीसरा सबसे बड़ा मुद्दा या यूं कहें कि उपलब्धि अयोध्या में बन रहा भगवान राम का भव्य मंदिर है।

इस मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अगले वर्ष जनवरी 2024 में किए जाने की संभावना है। लेकिन, भाजपा इस मंदिर को लेकर देशभर के कई शहरों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी योजना बना रही है।

--आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित