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पत्रकार सौम्या विश्‍वनाथन हत्याकांड : पांचों दोषियों का रहा है लंबा आपराधिक इतिहास

प्रकाशित 19/10/2023, 01:06 am
पत्रकार सौम्या विश्‍वनाथन हत्याकांड : पांचों दोषियों का रहा है लंबा आपराधिक इतिहास

नई दिल्ली, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। टीवी पत्रकार सौम्या विश्‍वनाथन की हत्‍या के पांच आरोपियों को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को दोषी ठहराया। पांचों दोषियों का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। सौम्या को 30 सितंबर, 2008 के तड़के दफ्तर से निकलकर अपनी कार से घर जाते समय सिर में गोली मार दी गई थी, जिससे उनकी मौत हो गई।वसंत कुंज के स्थानीय पुलिस स्टेशन को सुबह 3:45 बजे इस घटना के बारे में कॉल मिली, जिसके बाद भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।

वह अपनी मारुति (NS:MRTI) ज़ेन कार में मृत पाई गईं और उनके सिर से खून बह रहा था। पुलिस ने मौके से एक खाली कारतूस का खोल बरामद किया और जांच शुरू कर दी।

एक साल की लंबी जांच के बाद 21 मार्च, 2009 को एक महत्वपूर्ण सफलता मिली, जब तकनीकी विशेषज्ञ जिगिशा घोष का शव फरीदाबाद में पाया गया और तीन आरोपियों - रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत मलिक को गिरफ्तार किया गया।

पूछताछ के दौरान, मलिक ने कथित तौर पर विश्‍वनाथन की हत्या में अन्य आरोपियों की संलिप्तता का खुलासा किया, जिससे अजय कुमार और अजय सेठी की गिरफ्तारी हुई।

कपूर, जो अपने आपराधिक इतिहास के लिए जाना जाता है, मार्च 2009 में पकड़ा गया था। वह कार चोरी के लिए कुख्यात था और उसे कई बार गिरफ्तार किया गया था।

सौम्या विश्‍वनाथन की हत्या में इस्तेमाल की गई पिस्तौल, कथित तौर पर कपूर के कब्जे में पाई गई थी।

कपूर ने शुरू में कार रुकवाकर लूटपाट की फिराक में था, लेकिन जब सौम्याने अपनी कार नहीं रोकी तो कपूर ने उसे गोली मार दी।

हिरासत में कपूर ने पुलिस पर मिर्च पाउडर फेंककर और अदालत की सुनवाई के दौरान चाकू दिखाकर भागने की कोशिशें कीं।

कपूर के साथी शुक्ला ने कथित तौर पर सौम्या पर गोली चलाने में उसकी मदद की थी। हत्या के तुरंत बाद शुक्ला दिल्ली भाग गया था और जिगिशा घोष की हत्‍या से ठीक पहले लौट आया था।

मलिक उर्फ पोपी ने जिगिशा के मामले में अपनी गिरफ्तारी के दौरान 2008 में सौम्याकी हत्या में अपनी संलिप्तता कबूल करके पुलिस का काम आसान कर दिया। 2019 में मलिक ने अभियोजन पक्ष के गवाहों की गैरहाजिरी और एक विशेष लोक अभियोजक की कमी का हवाला देते हुए मुकदमे में तेजी लाने की मांग की।

घटनाओं की श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी, अजय कुमार गिरफ्तारी से बच गया, लेकिन अंततः 2009 में उसे पकड़ लिया गया। वह एक अदालती विवाद में शामिल था, जिसमें उसने एक अन्य आरोपी सेठी पर ब्लेड से हमला किया था।

चोरी के वाहनों का सौदा करने वाला सेठी इस बात से अनभिज्ञ था कि जिस चोरी के वाहन की उसे पेशकश की गई थी, उसका इस्तेमाल सौम्याकी हत्या के दौरान किया गया था। मूल रूप से देहरादून के रहने वाले सेठी सौम्‍या की हत्या से संबंधित आरोपों का सामना करने से पहले चार पूर्व गिरफ्तारियों के बाद अप्रैल 2009 में गिरफ्तार किया गया था।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को चार आरोपियों को मकोका प्रावधानों के तहत और एक को चोरी की संपत्ति प्राप्त करने में मदद करने के लिए दोषी ठहराया। साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रवींद्र कुमार पांडे ने 13 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रखने के बाद यह फैसला सुनाया।

अब सजा के लिए 26 अक्टूबर की तारीख तय की गई है।

13 अक्टूबर को न्यायाधीश ने अतिरिक्त दलीलों या स्पष्टीकरण के लिए समय दिया था, क्योंकि बचाव और अभियोजन दोनों ने इस महीने की शुरुआत में अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं। अदालत ने फैसला सुनाए जाने के समय सभी आरोपियों को अदालत में हाजिर रहने का भी निर्देश दिया था।

इस बीच, सौम्‍या विश्‍वनाथन की मां ने अदालत में सुनवाई के बाद सभी आरोपियों के लिए उम्रकैद की मांग की।

--आईएएनएस

एसजीके

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