नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने सोमवार को भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की मध्यावधि वृद्धि का अनुमान पहले के 5.5 फीसदी से 0.7 फीसदी बढ़ाकर 6.2 फीसदी कर दिया, जबकि चीन के लिए अपने अनुमान में 0.7 प्रतिशत की कटौती की।रेटिंग एजेंसी ने 10 उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए अपना अनुमान पहले के 4.3 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी कर दिया।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा, "उभरते बाजार की संभावित वृद्धि चीन की धीमी गति के कारण कमजोर हुई। यह कटौती मुख्य रूप से चीन की आपूर्ति पक्ष की वृद्धि क्षमता के अनुमान में 0.7 प्रतिशत अंक की बड़ी कमी के कारण है। चीन की मध्यावधि वृद्धि का अनुमान पहले के 5.3 प्रतिशत से घटाकर 4.6 प्रतिशत कर दिया गया है।"
"हालांकि, हमने भारत और मेक्सिको में बड़े पैमाने पर उन्नयन किया है, जिससे पूंजी-से-श्रम अनुपात के बेहतर दृष्टिकोण से लाभ हुआ है। भारत का अनुमान 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 6.2 प्रतिशत और मेक्सिको का 1.4 प्रतिशत से बढ़कर 2 प्रतिशत है।“
रूस के लिए पूर्वानुमान को 1.6 प्रतिशत से घटाकर 0.8 प्रतिशत, कोरिया के लिए 2.3 प्रतिशत से घटाकर 2.1 प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका के लिए 1.2 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया है।
एजेंसी ने यह भी कहा कि नवीनतम अनुमान ब्राजील और पोलैंड को छोड़कर सभी शीर्ष 10 उभरते बाजारों (ईएम10) के लिए उसके महामारी-पूर्व संभावित विकास अनुमानों से नीचे हैं।
इसमें कहा गया है, "यह बिगड़ते जनसांख्यिकीय रुझान और महामारी से व्यवधानों की विरासत को दर्शाता है। उत्तरार्द्ध आंशिक रूप से पूंजी स्टॉक और उत्पादकता वृद्धि के अनुमानों में संशोधन के माध्यम से परिलक्षित होता है।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "लेकिन कुछ 'डरावने' प्रभावों को पकड़ना मुश्किल है और हमने अब मेक्सिको, इंडोनेशिया, भारत और दक्षिण अफ्रीका के लिए 2020 और 2021 में संभावित सकल घरेलू उत्पाद के ऐतिहासिक अनुमानों में अतिरिक्त 'स्तर का झटका' समायोजन किया है।"
--आईएएनएस
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