नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति इस साल मार्च के बाद पहली बार डिफ्लेशन से बाहर निकल कर नवंबर में 0.26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी आंकड़ों ये बात पता चली है। यह आठ महीनों में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति का उच्चतम स्तर है। हाल के महीनों में थोक कीमतें गिर रही थीं।
अक्टूबर 2023 में डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति माइनस 0.52 प्रतिशत और नवंबर 2022 में 6.12 प्रतिशत थी।
खाद्य सूचकांक में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि के साथ डब्ल्यूपीआई में वृद्धि हुई और सब्जियों की कीमतें महीने-दर-महीने 16.45 प्रतिशत बढ़ीं। प्याज की कीमतों में 41.3 फीसदी का उछाल आया।
डब्ल्यूपीआई डेटा देश की खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर आधारित होता है, जो नवंबर में तीन महीने के उच्चतम स्तर 5.55 प्रतिशत पर पहुंच गई।
आरबीआई खुदरा मुद्रास्फीति को ट्रैक करता है, जो उन कीमतों को दर्शाता है जो उपभोक्ता वास्तव में मौद्रिक नीति से संबंधित निर्णयों के लिए भुगतान करते हैं।
--आईएएनएस
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