जयपुर, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। पार्टी सूत्रों ने कहा कि छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में विपक्ष के नेता (एलओपी) की घोषणा के बाद, कांग्रेस इस सप्ताह राजस्थान में एलओपी की घोषणा करेगी।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस के पांच वरिष्ठ नेता इस पद की दौड़ में हैं। हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में पांच में से तीन राज्यों में हार का सामना करने के बाद, पार्टी संगठन में कुछ चरणबद्ध बदलाव होंगे।
पार्टी नेताओं ने कहा, पहले चरण में नेता प्रतिपक्ष के पद पर नियुक्ति की जाएगी और इस सप्ताह नाम की घोषणा होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस आलाकमान के स्तर पर विपक्ष के नेता के नाम पर चर्चा की गई है।'' लेकिन अभी तक नियुक्ति आदेश जारी नहीं हुए हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति पहले ही हो चुकी है, इसलिए राजस्थान में भी जल्द ही नियुक्ति की संभावना है।
लोकसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं, इसलिए इस पद पर नियुक्ति जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर की जाएगी।
विपक्ष के नेता पद के लिए सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, हरीश चौधरी, राजेंद्र पारीक, महेंद्रजीत मालवीय जैसे नेताओं के नाम चर्चा में हैं।
पिछली बार जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था और रामेश्वर डूडी को एलओपी का पद दिया गया था।
पार्टी नेताओं ने कहा कि एलओपी पद पर नियुक्ति में अशोक गहलोत-सचिन पायलट फैक्टर हावी रहने की संभावना है और कांग्रेस आलाकमान ने इन दोनों नेताओं की राय भी ली है।
इस पद के लिए गहलोत खेमे के नेता भी दावेदार हैं और पार्टी के आदिवासी चेहरे के तौर पर महेंद्रजीत मालवीय का नाम सुझाया गया है, जबकि ब्राह्मण चेहरे के तौर पर राजेंद्र पारीक का नाम सुझाया गया है।
राजस्थान में बीजेपी द्वारा भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद कांग्रेस का एक धड़ा प्रमुख पद ब्राह्मणों को देने की वकालत कर रहा है, ताकि राजनीतिक संतुलन बनाया जा सके। अगर सचिन पायलट को एलओपी बनाया जाता है, तो प्रदेश अध्यक्ष पद पर बदलाव को टाला जा सकता है।
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