नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)। हरियाणा के सोनीपत में मैक्स हाइट्स ड्रीम होम्स आवासीय सोसाइटी में खरीद के लिए पुनर्विक्रय फ्लैट की पेशकश के बहाने लोगों से 5 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की रहने वाली रश्मि राठी के रूप में हुई है। उसे दिल्ली पुलिस की एक टीम ने उत्तर प्रदेश में गिरफ्तार किया।
यह मामला तब सामने आया, जब दिल्ली के रोहिणी निवासी एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर आर्थिक अपराध शाखा में मामला दर्ज किया गया।
उसने आरोप लगाया कि 1 जनवरी, 2021 को उसने सोनीपत के कुंडली में मैक्स हाइट्स ड्रीम होम्स में एक फ्लैट खरीदा और आरटीजीएस के जरिए भुगतान किया।
मैक्स हाइट्स के निदेशकों ने कब्ज़ा प्रदान किया और उनके नाम पर फ्लैट पंजीकृत किया।
इसके बाद उन्होंने उसी सोसायटी में 17 लाख रुपये में फ्लैट नंबर बी-201 खरीदने का इरादा किया।
पुलिस उपायुक्त (ईओडब्ल्यू) सुरेंद्र चौधरी ने कहा, "अरुण राठी और प्रतीक राठी के निर्देश पर सी-407, मंगलम पैराडाइज मॉल, सेक्टर-3, रोहिणी, दिल्ली में रश्मि राठी को भुगतान किया गया था। उसे 12 लाख रुपये नकद और 5 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए खाते में भेजे गए थे। भुगतान के बाद चाबियां उसे सौंप दी गईं। हालांकि, कंपनी के निदेशकों ने भुगतान प्राप्त करने से इनकार कर दिया और आधिकारिक तौर पर स्वामित्व अधिकार हस्तांतरित करने से भी इनकार कर दिया।"
शिकायतकर्ता ने आगे दावा किया कि रश्मि राठी ने इसी तरह की कार्यप्रणाली का उपयोग करके उसे और अन्य लोगों को धोखा दिया था। उसने फर्जी और मनगढ़ंत दस्तावेजों के जरिए 5 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए थे।
जांच में पता चला कि फ्लैट के वास्तविक आवंटियों ने कभी भी अपने फ्लैट बेचने का इरादा नहीं किया था।
डीसीपी ने कहा, "रश्मि ने फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल करते हुए उनके फ्लैट बेच दिए और अपने बैंक खातों में 5 करोड़ रुपये से अधिक जमा कर लिए, जिन्हें या तो नकदी के रूप में निकाल लिया गया या कहीं और स्थानांतरित कर दिया गया। उसने फ्लैट दिलाने का वादा करके कई व्यक्तियों को धोखा दिया।"
जांच के दौरान रश्मि के फरार होने का पता चला, लेकिन बाद में उसे बुलंदशहर के पोदारी गांव में पकड़ लिया गया।
रश्मि राठी पिछले 12 वर्षों से मैक्सहाइट्स प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड की कर्मचारी थी और कार्यालय समन्वयक के रूप में कार्यरत थी।
डीसीपी ने कहा, "उसने फ्रंट-ऑफिस का प्रबंधन किया और प्रोजेक्ट की व्यापक जानकारी रखते हुए ग्राहक सेवा में शामिल हो गई। समय के साथ, कंपनी का उस पर भरोसा बढ़ता गया। कार्यालय समन्वयक के रूप में उसने कंपनी के नियमित संचालन की देखरेख की और भुगतान वसूली के लिए फ्लैट मालिकों से बात करती थी।“
डीसीपी ने कहा, "रश्मि ने पद का दुरुपयोग करते हुए स्थानीय प्रॉपर्टी डीलरों के साथ मिलकर खरीदारों/विक्रेताओं को धोखा दिया। उसने अपनी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने, शामिल पक्षों से पैसे प्राप्त करने और फर्जी एनओसी जारी करने के लिए फर्जी कंपनियों की स्थापना की। उसने विभिन्न फ्लैटों के उप-बहीदारों को निपटाने के लिए अपनी फर्जी कंपनियों, अपने खाते और अपनी बहन के खाते से छोटे लेनदेन किए।"
उन्होंने कहा कि रश्मि राठी ने खरीदारों को धोखा देने के लिए कंपनी के विभिन्न स्टेशनरी लेख, लेटरहेड और रबर स्टांप का इस्तेमाल किया।
--आईएएनएस
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