नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)। निफ्टी अब मार्च 2020 के कोविड के निचले स्तर 7,511 से तीन गुना ऊपर है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने कहा कि यह एक मजबूत बाजार का संकेत है और इसे अभी लंबा सफर तय करना है। लेकिन अब से रैली आसान नहीं होगी और मूल्यांकन अधिक होने के कारण गिरावट की भी संभावना है।मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 56 अंक ऊपर 73,384.89 अंक पर है। टाइटन (NS:TITN), एलएंडटी, टाटा मोटर्स (NS:TAMO), मारुति (NS:MRTI) 1 फीसदी ऊपर हैं। आईटी शेयरों में गिरावट आई है, एचसीएल टेक (NS:HCLT) में 2 फीसदी और विप्रो (NS:WIPR) में 2 फीसदी की गिरावट आई है। उधर निफ्टी 14 अंक बढ़ कर 22,111.30 पर कारोबार कर रहा है।
अक्सर, अप्रत्याशित घटनाएं सुधार का कारण बनती हैं। भूराजनीतिक घटनाक्रम में सुधार आने की क्षमता है। लेकिन इज़राइल-गाजा युद्ध जैसी हालिया घटनाओं ने कच्चे तेल की कीमतों या बाजारों पर कोई प्रभाव नहीं डाला। इसी तरह, लाल सागर में चल रही झड़पें भी बाज़ार को कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा पाई। उन्होंने कहा, लेकिन निकट भविष्य में चिंता की बात ये है कि संघर्ष बढ़ सकता है, इसलिए लाल सागर में होने वाली घटनाओं पर नजर रखें।
बैंकिंग और आईटी में लार्ज-कैप और आरआईएल के मंदी के दौर में भी मजबूत बने रहने की संभावना है। उन्होंने कहा, सावधानी के उपाय के रूप में निवेशक कुछ मुनाफावसूली करने और पैसे को निश्चित आय में स्थानांतरित करने पर विचार कर सकते हैं, जहां रिटर्न आकर्षक है।
एचडीएफसी (NS:HDFC) सिक्योरिटीज के खुदरा अनुसंधान प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि एशियाई शेयर एक महीने के निचले स्तर पर आ गए। अमेरिकी शेयर वायदा मंगलवार को गिर गया। वहां के केंद्रीय बैंकरों की कठोर टिप्पणियों ने ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को कम कर दिया है और व्यापारी फेड की टिप्पणी का इंतजार कर रहे हैं।
यूरोपीय सेंट्रल बैंक के अधिकारियों द्वारा दर में कटौती की उम्मीदों पर पानी फेरने के बाद यूरोपीय शेयर और बांड पीछे हट गए, जबकि जर्मनी के आंकड़ों ने आर्थिक विकास और कॉर्पोरेट मुनाफे के लिए चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बॉन्ड यील्ड बढ़ने के कारण सोमवार को यूरोपीय शेयरों में गिरावट आई और देश के केंद्रीय बैंक द्वारा अपेक्षित दर में कटौती को छोड़ कर निवेशकों को परेशान करने के बाद चीन की इक्विटी में गिरावट आई।
दिसंबर में भारत का व्यापार घाटा कम हुआ। महीने के दौरान निर्यात और आयात में वृद्धि हुई। नवंबर में 20.6 बिलियन डॉलर की तुलना में दिसंबर में व्यापार घाटा कम होकर 19.8 बिलियन डॉलर हो गया। निर्यात 1 प्रतिशत बढ़कर 38.45 अरब डॉलर हो गया। आयात 4.9 प्रतिशत गिरकर 58.25 अरब डॉलर रह गया। महीने-दर-महीने आधार पर निर्यात 13.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि आयात 6.9 प्रतिशत बढ़ा।
--आईएएनएस
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