iGrain India - उज्जैन । मध्य प्रदेश में चालू मार्केटिंग सीजन के दौरान सरकारी एजेंसी- भारतीय कपास निगम (सीसीआई) द्वारा किसानों से अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर लगभग 6 लाख क्विंटल रूई की खरीद की जा चुकी है।
दरअसल वहां नए माल की भारी आवक होने तथा मिलर्स एवं व्यापारियों की मांग कमजोर रहने से कपास का दाम घटकर एमएसपी से नीचे आ गया था इसलिए सरकारी एजेंसी- सीसीआई को मंडियों में हस्तक्षेप करना पड़ा।
मध्य प्रदेश कपास का एक महत्वपूर्ण उत्पादक राज्य है। कपास की खरीद के लिए निगम द्वारा मध्य प्रदेश में 21 क्रय केन्द्र उत्पादित किए गए हैं। चालू सीजन में एजेंसी को पिछले दो वर्षों में सर्वाधिक रूई खरीदने का अवसर मिला है।
ज्ञात हो कि गत दो मार्केटिंग सीजन के दौरान अधिकांश दिनों तक अन्य उत्पादक राज्यों की भांति मध्य प्रदेश में भी कपास का भाव सरकारी समर्थन मूल्य से ऊंचा चल रहा था।
केन्द्र सरकार ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के लिए कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य मध्यम रेशेवाली श्रेणी के लिए 6620 रुपए प्रति क्विंटल तथा लम्बे रेशेवाली किस्मों के लिए 7020 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
घटती कीमतों के कारण हाल के सप्ताहों के दौरान मध्य प्रदेश की मंडियों में कपास की आवक घटी है जबकि निगम की खरीद जारी है। इसके फलस्वरूप आगे इसके दाम में कुछ सुधार आने की उम्मीद की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि नवम्बर-दिसम्बर 2023 में मंडियों में कपास की आपूर्ति का प्रवाह बहुत तेज रहा था मगर जनवरी 2024 से इसकी रफ्तार एवं मात्रा में कमी आने लगी।
पिछले सीजन के दौरान ऊंचे बाजार भाव के कारण सीसीआई को मध्य प्रदेश में रूई खरीदने का अवसर नहीं मिला था लेकिन 2023-24 के वर्तमान मार्केटिंग सीजन के दौरान रूई का दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से 10-20 प्रतिशत नीचे आने के कारण उसे इसकी खरीद करने में सफलता मिल रही है। समझा जाता है कि दाम सुधरने के बाद मंडियों में रुई की आवक पुनः बढ़ सकती है।