कोलकाता, 12 फरवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस को सोमवार को उस समय विरोध का सामना करना पड़ा जब वह उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली जा रहे थे, जहां गुरुवार से विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
संदेशखली में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व मुख्य रूप से स्थानीय महिलाओं ने किया, जो फरार तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
राज्यपाल सोमवार सुबह करीब साढ़े आठ बजे कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरे और हवाईअड्डे से उनका काफिला संदेशखाली के लिए रवाना हुआ।
जैसे ही उनका काफिला मलंचा के पास पहुंचा, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने इसे रोक दिया और मांग की कि पहले राज्यपाल को केंद्र सरकार से मनरेगा के तहत 100 दिन की नौकरी योजना के लिए राज्य सरकार को बकाया जारी करने के लिए कहना चाहिए।
राज्यपाल के काफिले को रुकना पड़ा और पांच मिनट से अधिक समय तक वहीं फंसे रहना पड़ा। बाद में स्थानीय पुलिस ने सड़क साफ कर दी और उन्होंने फिर से संदेशखली की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी।
पिछले गुरुवार से संदेशखली में स्थानीय महिलाएं तृणमूल नेता शाहजहां और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि शाहजहां और उसके सहयोगियों ने स्थानीय लोगों की जमीन को अवैध रूप से हड़प लिया है और स्थानीय लोगों को बिना किसी मुआवजे के श्रम कार्य के लिए मजबूर कर रहे हैं।
महिला प्रदर्शनकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि शाहजहां और उसके सहयोगियों के हाथों अपमान और छेड़छाड़ के डर से वे सूर्यास्त के बाद अपने घर से बाहर नहीं निकल पाती हैं।
संदेशखाली-एक और संदेशखाली-दो ब्लॉक में धारा 144 लागू कर दी गई है, जबकि संदेशखली और निकटवर्ती हिंगलगंज में इंटरनेट प्रतिबंध भी लगाया गया है।
--आईएएनएस
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