नई दिल्ली, 11 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार में मंत्री पद छोड़ने वाले राजकुमार आनंद ने आम आदमी पार्टी (आप) पर फिर से जुबानी हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि मैं किसी के दबाव में नहीं हूं और न ही मैं कहीं कोई पार्टी ज्वाइन कर रहा हूं, लेकिन मैं झूठ और मक्कारी के साथ नहीं रह सकता हूं। एक दिन पहले आम आदमी पार्टी से त्यागपत्र दे चुके राजकुमार आनंद ने गुरुवार को कहा कि वह ईडी से डरकर सरकार से बाहर नहीं आए हैं। न उनके बच्चों पर कोई तलवार लटक रही है। मैं जानता हूं कि मंत्री बनने का मौका रोज-रोज नहीं मिलता है। ईडी का छापा शराब घोटाले की मनी ट्रेल ढूंढने के लिए था। ईडी को न कोई सबूत मिला और न ही मेरे उसमें लिप्त होने का कोई भी सुराग मिला है। यह खुद ईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।
उन्होंने कहा कि ये झूठ की राजनीति, यह मक्कारी की राजनीति अगर मैं करता रहता तो वहीं होता जहां पर मैं था। कल भी सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दलित, कमजोर, बेचारा।
राजकुमार आनंद ने सवाल किया कि क्या दलित कमजोर होता है? क्या सभी दलित कमजोर होते हैं? क्या सभी दलित बेचारा होते हैं?
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली और पंजाब में 'आप' की सरकार बनी है तो दलितों के ही दम पर बनी हुई है। दलितों का अपमान मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा। अगर मेरे पास परिवार है, तो मेरे साथ सहानुभूति है, तो क्या मुझे खून करने का अधिकार है। किसके पास परिवार नहीं होता है।
राजकुमार आनंद ने कहा कि मैं किसी के साथ नहीं जा रहा हूं, मैं अभी यहीं हूं।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद ने बुधवार को मंत्री पद और आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा था कि मुझे कहीं से भी ऑफर नहीं मिला है। मैं बहुत व्यथित हूं। आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन से हुआ था, लेकिन, आज पार्टी खुद भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है।
--आईएएनएस
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