आदित्य रघुनाथ द्वारा
Investing.com -- यह तेल और गैस सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई कई ब्रोकरेज के रडार पर है। ऑयल इंडिया लिमिटेड (NS:OILI) ने वित्त वर्ष २०१२ की पहली तिमाही के लिए अपनी संख्या की सूचना दी। वित्त वर्ष २०११ की इसी तिमाही से कुल आय २३३.८८% बढ़कर ६,२७६.५८ करोड़ रुपये हो गई, जहां यह १,८७९.८९ करोड़ रुपये थी। जून 2021 की तिमाही में शुद्ध लाभ 1,036.82 करोड़ रुपये रहा।
हालांकि, ब्रोकरेज स्टॉक के बारे में चिंतित हैं क्योंकि इसने नुमालीगढ़ रिफाइनरी (एनआरएल) में एक नियंत्रित हिस्सेदारी हासिल कर ली है। ऑयल इंडिया ने असम स्थित एनआरएल में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 80.16 फीसदी कर ली है। इसमें से 10.5 फीसदी को असम सरकार वापस खरीद लेगी।
प्रभुदास लीलाधर ने इसे 'मास्टरस्ट्रोक' कहा है। इसने ऑयल इंडिया के शेयर को 328 रुपये का लक्ष्य दिया है, जो इसकी मौजूदा कीमत 163 रुपये से 100% अधिक है।
सेंट्रम ब्रोकिंग का कहना है, "एनआरएल को जीआरएम में उत्पाद शुल्क छूट का लाभ मिल रहा है, जो समूह की कमाई का समर्थन करते हुए जारी रहने की संभावना है। अधिग्रहण ने स्टैंडअलोन ऋण को 14,000 करोड़ रुपये तक बढ़ा दिया है, लेकिन ऑयल इंडिया ने इसमें से 400 करोड़ रुपये चुकाने में कामयाबी हासिल की है। चालू तिमाही। इसकी हर तिमाही में 700-800 करोड़ रुपये चुकाने की योजना है। वित्त वर्ष 23 तक उत्तोलन चिंता का विषय नहीं होगा।"
मोतीलाल ओसवाल (NS:MOFS) ने शेयर पर 200 रुपये का लक्ष्य रखा है जबकि आईसीआईसीआई (NS:ICBK) सिक्योरिटीज का कहना है कि यह 232 रुपये तक पहुंच जाएगा।