गुवाहाटी/अगरतला, 28 मार्च (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आयोजित दो दिवसीय हड़ताल का सोमवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र में आंशिक प्रभाव देखा गया।पूर्वोत्तर क्षेत्र में बैंकिंग, डाकघर, दूरसंचार और बीमा सेवाएं तथा उत्पादन क्षेत्र हड़ताल से आंशिक रूप से प्रभावित रहीं।
28 और 29 मार्च के हड़ताल के आह्वान का सर्वाधिक प्रभाव बैंकिंग और डाकघर सेवाओं पर देखा गया। इस हड़ताल का समर्थन भारतीय जनता पार्टी विरोधी कई पार्टियों ने भी किया है। परिवहन व्यवस्था पर भी इसका असर देखा गया।
ट्रेड यूनियन अपनी 12 मांगों को लेकर और सरकार की कथित रूप से जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल कर रहे हैं।
ट्रेड यूनियन लेबर कोड को हटाने, सरकारी क्षेत्र के निजीकरण, ठेका कर्मचारियों को नियमित करने, मनरेगा के तहत अधिक दिहाड़ी देने आदि की मांग कर रहे हैं।
ट्रेड यूनियनों के नेता का कहना है कि हड़ताल का पहला दिन सभी पूर्वोत्तर प्रांतों में सफल रहा।
भाजपा और उसके सहयोगी दल इस हड़ताल का विरोध कर रहे हैं। भाजपा समर्थित भारतीय मजदूर संघ ने हड़ताल के विरोध में अभियान चलाया है और लोगों से अपील की है कि वे हड़ताल में शामिल न हों।
भाजपा नेता टिंकू रॉय ने कहा कि यह हड़ताल विकास और कामगार लोगों के खिलाफ है। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित इंडियन ट्रेड यूनियन के नेता माणिक डे ने अगरतला में कहा कि हड़ताल का पहला दिन बहुत सफल रहा और लोग इसे समर्थन दे रहे हैं।
--आईएएनएस
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