मुंबई, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। रीयल-टाइम भुगतान 2026 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद को 45.9 अरब डॉलर तक बढ़ा सकता है क्योंकि उस समय तक लेनदेन की मात्रा 206 अरब से अधिक हो जाएगी। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई।एसीआई वल्र्डवाइड की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल डाटा और सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) के साथ साझेदारी में, वास्तविक समय के भुगतान ने भारत को 2021 में 16.4 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त आर्थिक उत्पादन को बढ़ाने में मदद की, जो औपचारिक जीडीपी के 0.56 प्रतिशत के बराबर है।
रीयल-टाइम भुगतान समाधान प्रदान करने वाली एक सॉफ्टवेयर कंपनी एसीआई वल्र्डवाइड के भारत और दक्षिण एशिया के प्रमुख, अंकुर सक्सेना ने कहा, कैश में पैसे रखने की इच्छा लोगों में कम हो सकती है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। यह हमारे प्रयासों में तेजी लाने और शीर्ष स्तरीय महानगरीय क्षेत्रों से परे इस प्रभाव का विस्तार करने और पूरे देश के लाभ के लिए हमारी सफलता को दोहराने का समय है।
रीयल-टाइम भुगतान को व्यापक रूप से अपनाने से 2021 में भारतीय व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित लागत बचत 12.6 बिलियन डॉलर हुई।
उपभोक्ताओं के तेजी से नकद से मोबाइल-आधारित रीयल-टाइम भुगतान की ओर बढ़ने, भुगतान काडरें को छोड़ने के साथ, कुल भुगतान मात्रा में रीयल-टाइम भुगतान का हिस्सा 2026 में बढ़कर 70 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है।
--आईएएनएस
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