नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)। एशियाई देशों में कच्चे तेल की मांग में आयी तेजी को देखकर यह कयास लगाये जा रहे थे कि जल्द ही यह मांग और बढ़ेगी लेकिन इसी बीच चीन में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिये लगाये गये लॉकडाउन ने इस साल मांग सुधार की गुंजाइश काफी कम कर दी है।एसएंडपी में एशिया पैसिफिक तेल बाजार के सलाहकार लिम जित यांग ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर लगाम लगाने के लिये चीन ने लॉकडाउन लगा दिया है। इसके कारण एशिया में तेल मांग में सुधार की दर प्रभावित होगी।
अप्रैल के परिदृश्य के अनुसार चीन में तेल की मांग में सुधार की उम्मीद नहीं है। गत साल चीन में 5,50,000 बैरल प्रतिदिन की तेजी देखी गयी थी।
चीन को छोड़कर अन्य एशियाई देशों में इस साल मांग औसतन 7,13,000 बैरल प्रतिदिन रहेगी। गत साल यह मांग 6,60,000 बैरल प्रतिदिन रही थी।
यांग ने कहा कि चीन ने जीरो कोविड नीति अपनायी है जबकि कई एशियाई देश अपनी अर्थव्यवस्था को खोलने में जुटे हैं।
उन्होंने कहा कि लेकिन चीन ने तेल बाजार में मांग परिदृश्य में जो खालीपन पैदा किया है, उसे एशिया के बाकी देश मिलकर खत्म नहीं कर सकते हैं। एशिया में तेल की मांग इस साल 7,16,000 बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान है, जबकि गत साल यह आंकड़ा 12 लाख बैरल प्रतिदिन रहा था।
एसएंडपी में एशिया ऑयल एनालिटिक्स मैनेजर वांग झुवेई ने कहा कि दूसरी तिमाही में मांग कम होने के कारण हमने चीन की तेल मांग में इस साल किसी तेजी की उम्मीद नहीं की है। यह भी अनिश्चित है कि दूसरी तिमाही में तेल मांग में आयी कमी की भरपाई क्या दूसरी छमाही में हो पायेगी। इससे मांग परिदृश्य में और गिरावट के संकेत मिलते हैं।
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