चेन्नई, 14 मई (आईएएनएस)। आईआईटी-मद्रास के शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि विनिर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिये पर्यावरण संबंधी नियम-कायदे जरूरी हैं।आईआईटी-मद्रास के शोधकर्ताओं ने अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों के साथ साल 2000 से 2015 के बीच के आंकड़ों का अध्ययन करके यह निष्कर्ष निकाला है।
शोध रिपोर्ट में उन्होंने सलाह दी है कि विनिर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बेहतर बनाने के लिये प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के साथ घरेलू हरित नीति भी जरूरी है।
शोध में बताया गया कि प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कर और ऊर्जा दक्षता में संबंध होना चाहिए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा दक्षता को बेहतर करने वाली कंपनियों को कर क्रेडिट देना चाहिये या उन्हें कर में छूट दिया जाना चाहिए।
शोधकर्ताओं ने कहा कि विदेशी प्रत्यक्ष निवेश से भी ऊर्जा दक्ष को बढ़ावा मिलेगा और इससे देश की आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी।
आईआईटी-मद्रास के शोधकर्ताओं की टीम की अगुवाई ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंसेज विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष कुमार साहू ने की।
अन्य शोधकर्ताओं में फ्रांस के एमिलॉन बिजनेस स्कूल के डॉ अजय कुमार और ब्रिटेन के नॉटिंघम यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल के किम हुआ तान शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने बताया कि उनके शोध का लक्ष्य यह पता करना था कि ग्रीन हाउस गैस उर्त्सजन को कम करने के लिए क्या कंपनियों पर अधिक कर लगाना उचित है?
--आईएएनएस
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