🏃 इस ब्लैक फ्राइडे ऑफर का लाभ जल्दी उठाएँ। InvestingPro पर अभी 55% तक की छूट पाएँ!सेल को क्लेम करें

सल्फ्यूरिक एसिड की किल्लत से जूझ रहा तमिलनाडु उद्योग

प्रकाशित 18/05/2022, 10:34 pm
सल्फ्यूरिक एसिड की किल्लत से जूझ रहा तमिलनाडु उद्योग

चेन्नई, 18 मई (आईएएनएस)। अधिकतर उद्योगों में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल किये जाने वाले सल्फ्यूरिक एसिड की आपूर्ति पिछले कुछ साल के दौरान तमिलनाडु में तेजी से घटी है, जिसका यहां के उर्वरक, रासायनिक, दवा, डिटर्जेट, पेपर और पल्प संयंत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।राज्य में सल्फरिक एसिड की आपूर्ति में आयी कमी की मुख्य वजह स्टरलाइट कॉपर फैक्ट्री का बंद होना है। इसके कारण तमिलनाडु में कई उद्योगों पर ताले लग गये, कई को उत्पादन घटना पड़ा और कुछ को अस्तित्व बचाये रखने के लिये महंगे विकल्पों पर निर्भर होना पड़ा।

सल्फ्यूरिक एसिड तांबे के निर्माण का उपोत्पाद (बाइ प्रोडक्ट)है। स्टरलाइट कॉपर के बंद होने से पहले इसकी तूतूकुडी इकाई सल्फ्यूरिक एसिड की मुख्य आपूर्तिकर्ता हुआ करती थी।

स्टरलाइट कॉपर हर साल 10 लाख टन सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन करती था और देश के कुल सल्फ्यूरिक एसिड उत्पादन में इसका योगदान 8.3 प्रतिशत था। तमिलनाडु के सल्फ्यूरिक एसिड के बाजार में इसकी हिस्सेदारी 95 प्रतिशत थी और यह दक्षिण भारत के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में 27 ग्राहकों को एसिड की आपूर्ति करता था।

चेन्नई इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व सचिव एवं स्वतंत्र सलाहकारएन एस वेंकटरमन ने कहा,तमिलनाडु में आपूर्ति की कमी के कारण सल्फ्यूरिक एसिड के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। पहले यह छह से सात रुपये प्रति किलोग्राम था और अब यह 20 से 30 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। अब उद्योगों को अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिये आयात पर निर्भर होना पड़ रहा है।

तमिलनाडु में तीन अन्य संयंत्र ग्रीन स्टार फर्टिलाइजर्स लिमिटेड, कोरोमंडल एंड आंध्रा शुगर सल्फ्यूरिक एसिड का उत्पादन कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद उद्योगों को आयात पर निर्भर होना पड़ रहा है। वेंकटरमन ने कहा कि इन तीनों संयंत्रों द्वारा उत्पादित अधिकांश एसिड कैप्टिव खपत के लिये है, जिस वजह से अन्य उद्योगों को दूसरे देशों से आयातित एसिड पर निर्भर होना पड़ता है।

साल 2017-18 में 9.46 लाख मीट्रिक टन सल्फ्यूरिक एसिड का आयात होता था लेकिन साल 2021-22 तक यह करीब 51 प्रतिशत बढ़कर 19.21 लाख मीट्रिक टन हो गया।

इस अवधि में इसके दाम में भी काफी तेजी दर्ज की गई। अप्रैल 2018 में सल्फ्यूरिक एसिड 11 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन था, जो अप्रैल 2022 तक 33 प्रतिशत बढ़कर 16,400 रुपये प्रति मीट्रिक टन हो गया।

आने वाले दिनों में सल्फ्यूरिक एसिड की आपूर्ति के लिये आयात पर निर्भरता और अधिक बढ़ने ही वाली है। भारत में दक्षिण कोरिया, जापान और चीन से इसका आयात किया जाता है।

उद्योगों के लिये दोहरी माह यह है कि उन्हें सल्फ्यूरिक एसिड का कोई अच्छा विकल्प नहीं उपलब्ध है और इसी वजह से अधिकतर उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति के लिये मजबूरन सल्फर बर्निग संयंत्र में निवेश के लिये बाध्य होना पड़ रहा है। मौजूदा और नये उद्योगों की एसिड मांग बढ़ने से आपूर्ति और अधिक दबाव में आयेगी।

वेंकटरमन ने कहा कि सल्फ्यूरिक एसिड की मांग में छह से सात प्रतिशत तक की वार्षिक तेजी आने की उम्मीद है।

तमिलनाडु आधारित अमृता केमिकल्स को 31 मई से अपना कामकाज बंद करना पड़ रहा है। यह एक समय में देश के मुख्य निर्यातकों में शामिल थी। यह कंपनी सोडियम सिलिका फ्लूओराइड केमिकल और पोटाशियम सिलिका फ्लूओराइड का निर्यात करती थी। इसके उत्पाद अमेरिका, यूरोपीय यूनियन, जापान, दक्षिण कोरिया और लातिन अमेरिका में निर्यात किये जाते थे।

इस कंपनी के बंद होने का मुख्य कारण यह है कि अब यह किफायती दामों में तमिलनाडु में सल्फ्यूरिक एसिड और अन्य कच्चे माल की खरीद नहीं कर पा रही है। कंपनी ने अपने आप को बचाने के लिये ओडिशा आधारित पारादीप फॉस्फेट से जरूरी कच्चा माल मंगाने की भी कोशिश की लेकिन यह कोशिश नाकाम साबित हुई।

अमृता केमिकल्स के प्रबंध निदेशक गोपाल ने बताया कि पारादीप फॉस्फेट से जरूरी कच्चा मंगाने की कोशिश गैरलाभकारी साबित हुई और हमें इसी कारण कंपनी बंद करने के लिये मजबूर होना पड़ा है।

उन्होंने कहा कि डीजल के आसमान छूते दाम और ओडिशा से यहां तक की 3,600 किलोमीटर की यात्रा तथा अन्य संबंधित खर्चे कंपनी के संचालन को घाटे में लेकर चले गये। स्टरलाइट कॉपर के बंद होने से पूरा बाजार तबाह हो गया और अमृता केमिकल्स अपने मौजूदा ऑर्डर को भी पूरा नहीं कर पा रहा।

कंपनी को इसके कारण अपने प्रतिद्वंद्वियों को अपने ऑर्डर आउटसोर्स करने पड़े और कई मामलों में डिलीवरी न करने के कारण भारी जुर्माना चुकाना पड़ा।

--आईएएनएस

एकेएस/एएनएम

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित