नई दिल्ली, 21 सितंबर (आईएएनएस)। वैश्विक चुनौतियों के बीच भारतीय शेयर बाजार में मजबूती बनी हुई है। ऐसे में आईपीओ के लिहाज से सितंबर का महीना पिछले 14 साल में काफी व्यस्त होने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को यह जानकारी दी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार, अब तक 28 से अधिक कंपनियां भारतीय शेयर बाजार में प्रवेश कर चुकी हैं।
दरअसल, वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव जारी है। प्राइमरी इक्विटी मार्केट में छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) की आईपीओ में रुचि बढ़ी है, इसमें डोमेस्टिक म्यूचुअल फंड्स भी शामिल हैं।
केंद्रीय बैंक की मासिक रिपोर्ट के अनुसार, निवेशकों को आवंटित आईपीओ शेयरों में से लगभग 54 प्रतिशत लिस्टिंग के शेयर एक सप्ताह के भीतर बिक गए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है, "2024 के पहले आठ महीनों में 60,000 करोड़ रुपये की अनुमानित धन जुटाने के लिए सूचीबद्ध कंपनियों की बढ़ती संख्या योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (क्यूआईपी) की ओर बढ़ रही है।"
आरबीआई ने कहा कि ग्लोबल सिग्नल पर बीच-बीच में होने वाले सुधारों के साथ सेकेंडरी मार्केट में बेंचमार्क सूचकांक बढ़ा है और इसका दृष्टिकोण भी मजबूत बना हुआ है।
वैश्विक फंड मई 2024 के बाद से लगातार पांचवें महीने में भारतीय लोन बाजार में भारी निवेश कर रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर चालू वित्त वर्ष के दौरान कॉरपोरेट कर्ज अब तक कम रहा है, जबकि जारीकर्ताओं ने अमेरिकी दर में कटौती का इंतजार किया था।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि बड़े जोखिम वाले पूंजी निवेशक बहुत ही सावधानी से कदम को बढ़ा रहे हैं और शुरुआती चरण के निवेश में सूक्ष्म उद्यम पूंजी कंपनियों और संस्थापक नेतृत्व वाले फंडों की संख्या बढ़ रही है।
इस बीच सेंट्रल बैंक ने एक बयान में कहा, "फिनटेक ऋणदाताओं ने निजी लोन में 52 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हासिल की है और वह धन जुटाने तथा लोन स्रोतों में विविधता लाने के लिए निजी ऋण की ओर तेजी से रुख कर रहे हैं।"
--आईएएनएस
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