नई दिल्ली , 22 जून (आईएएनएस)। दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने दूरसंचार कंपनियों को बड़ी राहत देते हुए 5जी स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज पर तीन प्रतिशत की फ्लोर दर हटा दिया है।उद्योग जगत के मुताबिक, दूरसंचार कंपनियां फ्लोर दर हटाने की मांग कर रही थीं। दूरसंचार विभाग ने मंगलवार देर रात नया आदेश जारी किया, जिसमें तीन प्रतिशत की फ्लोर दर का उल्लेख नहीं था। इसका मतलब है कि यह दर हटा दी गई है।
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने डीओटी के इस आदेश का स्वागत किया है। एसोसिएशन के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. एस. पी. कोचर ने कहा कि इस आदेश से दूरसंचार कंपनियों को आने वाली नीलामी के बारे में स्पष्टता आएगी।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 15 जून को स्पेक्ट्रम नीलामी आयोजित करने के दूरसंचार विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसके माध्यम से सफल बोलीदाताओं को जनता और उद्यमों को 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम सौंपा जाएगा। यह नीलामी विभिन्न (600 मेगाहट्र्ज, 700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1800 मेगाहट्र्ज, 2100 मेगाहट्र्ज, 2300 मेगाहट्र्ज), मिड (3300 मेगाहट्र्ज) और हाई (26 गीगाहट्र्ज) फ्ऱीक्वेंसी बैंड के तहत स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित की जाएगी।
पहली बार, सफल बोलीदाताओं द्वारा अग्रिम भुगतान करने की कोई अनिवार्य आवश्यकता नहीं है। स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान 20 समान वार्षिक किस्तों में किया जा सकता है जिसका भुगतान प्रत्येक वर्ष की शुरुआत में अग्रिम रूप से किया जाना है।
इससे नकदी प्रवाह की जरूरतों में काफी कमी आने और इस क्षेत्र में व्यवसाय करने की लागत कम होने की उम्मीद है। बोलीदाताओं को शेष किस्तों के संबंध में भविष्य की देनदारियों के बिना 10 वर्षो के बाद स्पेक्ट्रम को सरेंडर करने का विकल्प दिया जाएगा।
--आईएएनएस
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