नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय शेयर बाजार में कई शेयर ऐसे हैं, जो निवेशकों को नियमित आधार पर डिविडेंड देते हैं। इसका फायदा यह है कि बाजार की उठापटक के बीच भी आपकी डिविडेंड के जरिए शेयरों से कमाई होती रहती है।
काफी सारी कंपनियां अपनी कमाई का एक हिस्सा अपने शेयरधारकों के साथ शेयर करती हैं। इसे ही डिविडेंड कहते हैं। कंपनियां तिमाही या सालाना आधार पर अपने निवेशकों को डिविडेंड देती हैं।
इंडियन ऑयल (NS:IOC) कॉरपोरेशन, वेदांता, चेन्नई पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम (NS:BPCL) कॉरपोरेशन और कोल इंडिया (NS:COAL) सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाले शेयरों में शामिल हैं।
एचडीएफसी (NS:HDFC) सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च हेड दीपक जसानी ने कहा कि सरकारी शेयर निजी की तुलना में अधिक डिविडेंड देते हैं। ज्यादातर डिविडेंड देने वाले शेयर तेल और गैस, मैटेरियल, बिजली, वित्त और बैंकिंग सेक्टर से हैं। पिछले कुछ महीनों में इन शेयरों में तेजी आई है। इस कारण से एसआईपी मोड में निवेश करना बेहतर है, जिससे लाभांश से होने वाला लाभ शेयरों की कीमतों में होने वाली गिरावट से प्रभावित न हो।
बोनान्जा में अनुसंधान विश्लेषक वैभव विदवानी का कहना है कि अत्यधिक अस्थिर बाजार के दौरान निवेशकों को अधिक डिविडेंड देने वाले शेयरों पर विचार करना चाहिए। अधिक डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश करने से अतिरिक्त लाभ होता है क्योंकि इसमें पूंजी वृद्धि के अलावा डिविडेंड से भी नियमित आय की संभावना होती है।
उन्होंने आगे कहा कि इन शेयरों में नियमित डिविडेंड भुगतान के अलावा समय के साथ इनकी वैल्यू भी बढ़ जाती है, जिससे निवेशकों को आय और संभावित पूंजीगत लाभ दोनों से फायदा मिलता है। डिविडेंड देने वाली कंपनियां आम तौर पर स्थिर आय वाली बड़ी, स्थापित फर्म होती हैं, जो उन्हें ग्रोथ शेयरों की तुलना में बाजार में उतार-चढ़ाव के प्रति कम संवेदनशील बनाती हैं।
विदवानी ने आगे कहा, अगर संक्षेप में कहा जाए तो डिविडेंड देने वाले शेयर ऐसे होते हैं जो निवेशकों को नियमित आय के साथ-साथ पूंजी वृद्धि का भी लाभ प्रदान करते हैं।
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