चेन्नई, 17 जुलाई (आईएएनएस)। भारत सरकार के पैकेज्ड फूड पर 5 फीसदी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लगाने के फैसले के बाद अब तमिलनाडु सरकार चावल के दाम 3 रुपये से बढ़ाकर 5 रुपये प्रति किलोग्राम करने पर विचार कर रही है। तमिलनाडु चावल मिल संघ और व्यापारियों ने रविवार को एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार ने 18 जुलाई से चावल, मक्का और अन्य आवश्यक खाद्य वस्तुओं को 5 प्रतिशत जीएसटी के तहत लाने की अधिसूचना जारी की है।
चावल व्यापारियों और चावल मिल संघ ने तमिलनाडु सरकार से खाद्य उत्पादों को जीएसटी के तहत वापस लाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का आग्रह किया है।
लगभग 3000 चावल मिलों और हजारों चावल व्यापारियों ने आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी स्लैब के तहत लाने का विरोध जताते हुए शनिवार को दुकानें बंद रखी थीं।
चावल मिल मालिकों और चावल व्यापारियों ने मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, जीएसटी की सिफारिशें राज्य सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं हैं।
तमिलनाडु राइस मिल ओनर्स एसोसिएशन के राज्य सचिव एम. शिवानंदन ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा : जीएसटी परिषद ने 2017 में पंजीकृत चावल ब्रांडों पर कर लगाया था, लेकिन अपंजीकृत ब्रांडों को छूट दी थी। छूट अब वापस ले ली गई है और सभी प्री-पैक्ड चावल ब्रांडों पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
जबकि खुले चावल जीएसटी के दायरे में नहीं आते हैं, राज्य के खाद्य विभाग ने सभी दुकानदारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि चावल और अन्य खाद्य उत्पादों को एफएसएसएआई अधिनियम के तहत पैक के रूप में बेचा जाए।
हालांकि, कई मिल मालिकों ने कहा कि सोमवार से 5 फीसदी जीएसटी लागू करना व्यावहारिक नहीं हो सकता, क्योंकि इनमें से कई मिलों के पास जीएसटी नंबर नहीं है। मिल मालिक चाहते हैं कि मिलों को जीएसटी नंबर प्राप्त करने के लिए और समय मिले।
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