मुंबई, 8 नवंबर (आईएएनएस)। रिलायंस (NS:RELI) पावर का शेयर शुक्रवार को 5 प्रतिशत के लोअर सर्किट के साथ 41.58 रुपये पर बंद हुआ। शेयर में गिरावट की वजह सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एसईसीआई) द्वारा कंपनी पर अगले तीन वर्ष के लिए टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने को लेकर बैन लगाना है। रिलायंस पावर पर यह बैन टेंडर प्रक्रिया में जाली दस्तावेज जमा करने को लेकर है।रिलायंस पावर और उसकी सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस को प्रतिबंधित कर दिया गया, क्योंकि यह जाली दस्तावेजों के आधार पर एक परियोजना के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी बन गई थी।
एसईसीआई की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि टेंडर की आवश्यकताओं के अनुसार, बोली लगाने वाली कंपनी द्वारा प्रस्तुत ईएमडी (विदेशी बैंक द्वारा जारी) के विरुद्ध बैंक गारंटी फर्जी थी। यह खामी ई-रिवर्स ऑक्शन के बाद पाई गई थी। इस कारण से एसईसीआई को टेंडर प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा। टेंडर की शर्तों के अनुसार फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए बोली लगाने वाली कंपनी को बैन कर दिया गया है।
रिलायंस पावर का शेयर शुक्रवार को लोअर सर्किट के साथ खुला था। बीते एक महीने में यह 9.57 प्रतिशत से ज्यादा फिसल चुका है। छह महीने के दौरान शेयर 61.48 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दे चुका है। एक वर्ष में शेयर 103 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ चुका है। बीते पांच वर्ष में शेयर ने 760 प्रतिशत से ज्यादा का रिटर्न दिया है।
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में कंपनी ने कंसोलिडेटेड आधार पर 97.85 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। इस दौरान कंपनी की आय 2,069.18 करोड़ रुपये थी। वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में कंपनी की आय 1,951 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी को 296.31 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।
करीब एक महीने पहले, रिलायंस पावर ने वर्डे इन्वेस्टमेंट पार्टनर्स के सहयोगियों को जारी किए जाने वाले विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) के माध्यम से 4,198 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी।
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