भोपाल, 3 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम के तहत समर्थन मूल्य पर 8 अगस्त से मूंग और उड़द की खरीदी होने वाली है। इस खरीदी में गड़बड़ियां रोकने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने अभी से आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अधिकारियों को इस खरीदी में भ्रष्टाचार रोकने और सिर्फ किसानों से ही खरीदी के निर्देश दिए हैं।मुख्यमंत्री चौहान ने ग्रीष्मकालीन उड़द और मूंग की खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम में समर्थन मूल्य पर ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द का उपार्जन 8 अगस्त से 30 सितम्बर तक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उपार्जन में भ्रष्टाचार की संभावना नहीं हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि व्यापारियों द्वारा किसानों के नाम पर मूंग और उड़द का विक्रय किया जाए तो उसकी खरीदी किसी भी कीमत पर नहीं की जाए। किसानों से ही मूंग और उड़द का उपार्जन किया जाए। छोटे किसानों की शत-प्रतिशत मूंग और उड़द के उपार्जन को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि जहां तक संभव हो इलेक्ट्रानिक तोल कांटों से तुलाई की जाए। खरीदी लक्ष्य के अनुसार सुनिश्चित हो।
बैठक में बताया गया कि मूंग एवं उड़द के उपार्जन के लिए 741 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। अभी 32 जिलों में मूंग फसल के लिए 2 लाख 34 हजार 749 कृषकों द्वारा 6 लाख एक हजार हेक्टेयर रकबे का पंजीयन कराया गया है। इसी तरह 10 जिलों में उड़द फसल का 7 हजार 329 कृषकों द्वारा 10 हजार हेक्टेयर रकबे का उपार्जन के लिए पंजीयन कराया गया है। भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम की गाईडलाइन के अनुसार प्रतिदिन प्रति कृषक 25 क्विंटल मात्रा का उपार्जन किया जाना प्रस्तावित है।
बताया गया कि विपणन वर्ष 2022-23 के लिए मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7 हजार 275 रूपए प्रति क्विंटल और उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6 हजार 300 रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया।
--आईएएनएस
एसएनपी/एसकेपी