नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2025) की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर 2024) की तुलना में तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2024) में तेज गति से बढ़ने की उम्मीद है। इसकी वजह आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के सकारात्मक संकेत मिलना है। आईसीआरए की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि नवंबर के प्राथमिक डेटा से सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। बिजली की मांग में वृद्धि देखने को मिली है। वहीं, फेस्टिव सीजन में मांग बढ़ने के कारण वाहनों के पंजीकरण में भी इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इन ट्रेंड्स को देखकर आईसीआरए को लगता है कि वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में वृद्धि दर वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही से अधिक रहेगी।
आईसीआरए की रिपोर्ट के मुताबिक, मोबिलिटी और ट्रांसपोर्ट के आर्थिक संकेताकों में काफी बढ़त देखने को मिली है। अक्टूबर 2024 में वाहन पंजीकरण में सालाना आधार पर 32.4 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है। यह सितंबर 2024 में हुई 8.7 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले काफी सकारात्मक है।
इसके अलावा दोपहिया वाहनों का उत्पादन 13.4 प्रतिशत बढ़ा है। रेल माल ढुलाई में 1.5 प्रतिशत का सुधार हुआ है। वहीं, डीजल खपत में मामूली 0.1 प्रतिशत की बढ़त हुई है। सितंबर में डीजल की खपत में 1.9 प्रतिशत की गिरावट हुई थी।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि भारत के गैर-तेल निर्यात में अक्टूबर 2024 में सालाना आधार पर 25.6 प्रतिशत की बढ़त हुई है। वहीं, सितंबर में यह 6.8 प्रतिशत थी।
इस वृद्धि में मुख्य योगदान इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, केमिकल और रेडीमेड गारमेंट्स आदि का रहा है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आईसीआरए के बिजनेस एक्टिविटी मॉनिटर, जो आर्थिक गतिविधि का एक समग्र संकेतक है, इसमें अक्टूबर 2024 में सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखी गई है, जो आठ महीनों में सबसे अधिक है। अधिक बेस की चुनौती के बावजूद, सितंबर 2024 में दर्ज की गई 6.6 प्रतिशत की वृद्धि से यह अधिक है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि यह रुझान दिखते हैं कि आने वाले समय में जीडीपी वृद्धि दर मजबूत रहेगी।
--आईएएनएस
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