मॉस्को, 30 अगस्त (आईएएनएस)। रूस ने आर्कटिक में अपनी मौजूदगी का विस्तार करने की नाटो की योजना की आलोचना की है। डीपीए ने इंटरफैक्स समाचार एजेंसी का हवाला देते हुए बताया, सोमवार को क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि रूस पृथ्वी के सबसे उत्तरी क्षेत्र के बारे में नाटो के कार्यो को नकारात्मक मानता है। सुरक्षा जरूरतों और आर्थिक गतिविधियों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, रूस उचित तरीके से अपने हितों की रक्षा करेगा।
मॉस्को आर्कटिक में 12 लाख वर्ग किलोमीटर का दावा करता है और विशेष रूप से कच्चे माल जैसे तेल और गैस को वहां संग्रहीत करता है।
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने सप्ताहांत में जर्मनी के वेल्ट एम सोनटैग अखबार को बताया कि नाटो को आर्कटिक में अपनी उपस्थिति बढ़ानी चाहिए।
उन्होंने नोट किया, मॉस्को सोवियत काल के ठिकानों को फिर से खोलने और हाइपरसोनिक मिसाइलों जैसे नए अत्याधुनिक हथियारों को तैनात करने की प्रक्रिया में था।
चीन भी आर्कटिक में तेजी से दिलचस्पी ले रहा है। उन्होंने कहा, भले ही यह एक वास्तविक आर्कटिक राज्य नहीं है।
आर्कटिक में अमेरिका, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड, कनाडा, नॉर्वे, स्वीडन और रूस के क्षेत्र शामिल हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और स्टोल्टेनबर्ग ने इस महीने कनाडा के आर्कटिक की रक्षा पर केंद्रित तीन दिवसीय दौरा किया।
फिनलैंड और स्वीडन के पश्चिमी सैन्य गठबंधन में शामिल होने के निर्णय के साथ कनाडा की यात्रा ने नाटो के बाहर एकमात्र आर्कटिक राष्ट्र के रूप में रूस की स्थिति को भी उजागर किया।
अमेरिकी विदेश विभाग ने घोषणा की कि वह पहली बार आर्कटिक क्षेत्र के लिए एक विशेष राजदूत की नियुक्ति करेगा।
--आईएएनएस
पीटी/एसजीके