📈 क्या आप 2025 में निवेश के बारे में गंभीर होंगे? InvestingPro पर 50% छूट के साथ पहला कदम उठाएँऑफर क्लेम करें

रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत इस साल नवंबर तक 73 लाख स्मार्ट मीटर हुए इंस्टॉल : केंद्रीय मंत्री

प्रकाशित 17/12/2024, 05:37 pm
© Reuters.  रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत इस साल नवंबर तक 73 लाख स्मार्ट मीटर हुए इंस्टॉल : केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के तहत इस साल नवंबर तक अलग-अलग राज्यों में लगभग 73 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं।इस स्कीम को सरकार की ओर से जुलाई 2021 में शुरू किया गया था। स्कीम के तहत मार्च 2025 तक लगभग 25 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड लगाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना पर 3.3 ट्रिलियन रुपये का खर्च आएगा।

विद्युत राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने राज्यसभा में एक जवाब में कहा कि 29 नवंबर तक विभिन्न राज्यों में लगभग 19.79 करोड़ स्मार्ट मीटर अप्रूव किए जा चुके हैं और 72.97 लाख डिवाइस इंस्टॉल किए जा चुके हैं।

केंद्रीय मंत्री ने संसद में उन राज्यों को लेकर भी जानकारी दी, जहां अभी तक स्मार्ट मीटर की संख्या शून्य बनी हुई है। मंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, तमिलनाडु, त्रिपुरा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों में स्मार्ट मीटर की स्थापना 'शून्य' थी, जबकि इन राज्यों में अप्रूव्ड डिवाइस की संख्या क्रमशः 3 करोड़, 5.47 लाख, 1.42 करोड़ और 87.84 लाख थी।

शून्य स्थापना वाले दूसरे राज्यों नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, झारखंड, केरल, अरुणाचल प्रदेश और गोवा का नाम भी शामिल है। हालांकि, इन राज्यों में अप्रूव्ड डिवाइस की संख्या को लेकर भी जानकारी दी गई।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि नागालैंड में 3.17 लाख, मेघालय में 4.60 लाख, मिजोरम में 2.89 लाख, झारखंड में 13.41 लाख, केरल में 1.32 करोड़, अरुणाचल प्रदेश में 2.87 लाख और गोवा में 7.41 लाख डिवाइस को मंजूरी दी गई है।

इसी तरह 29 नवंबर तक अंडमान एवं निकोबार तथा पुडुचेरी में भी स्मार्ट मीटर की संख्या शून्य है लेकिन, दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों के लिए क्रमशः 83,573 और 4.03 लाख स्मार्ट मीटर को मंजूरी दे दी गई है।

केंद्रीय मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि नवंबर तक असम में कुल 63.64 लाख अप्रूव्ड में से 22.89 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए, जो कि सबसे ज्यादा थे।

उसके बाद बिहार में 23.50 लाख अप्रूव्ड में से कुल 19.39 लाख डिवाइस लगाए गए। मध्य प्रदेश में 1.29 करोड़ अप्रूव्ड मीटर में से 10.13 लाख मीटर लगाए गए। उत्तर प्रदेश में 2.69 करोड़ अप्रूव्ड मीटर में से 3.79 लाख मीटर लगाए गए। उत्तराखंड में डिवाइस लगाने की संख्या मात्र 7 रही, जबकि कुल अप्रूव्ड मीटर की संख्या 15.87 लाख रही।

--आईएएनएस

एसकेटी/एएस

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2025 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित