नई दिल्ली, 30 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार की अनूकुल नीतियों और व्यापक सुधारों के कारण बीते एक दशक में भारत का तेजी से विकास हुआ है। इसके साथ वैश्विक स्तर पर कई सूचकांकों में भारत की रैंकिंग में बढ़ा उछाल देखने को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर जोर दिए जाने के कारण भारत की लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इंडेक्स 2023 में रैंकिंग में 16 स्थान का सुधार हुआ है और भारत 139 देशों में 38वें स्थान पर पहुंच गया है।
वहीं, केंद्र सरकार द्वारा स्टार्टअप इकोसिस्टम का समर्थन किए जाने के कारण, देश की रैंकिंग ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स 2024 में सुधरकर 39वीं हो गई है, जो कि 2015 में 81वीं थी।
इसके अलावा भारत का फॉरेक्स रिजर्व 2024 में पहली बार 700 अरब डॉलर के आंकड़े पर पहुंच गया था। इस वजह से वैश्विक स्तर पर फॉरेक्स रिजर्व में चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत चौथे स्थान पर पहुंच गया था।
इसके अतिरिक्त वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता सूचकांक 2024 में भारत की रैंकिंग सुधरकर 39वीं हो गई है, जो दिखाता है कि सरकार व्यापार अनुकूल नीतियां बनाकर उद्योगों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बना रही है। 2014 में भारत इस इंडेक्स में 71 वें स्थान पर था।
बीते एक दशक में (अप्रैल 2014 से सितंबर 2024) के बीच देश में 709.84 अरब डॉलर का एफडीआई इनफ्लो आया है, जो पिछले 24 वर्षों में आए एफडीआई इनफ्लो का 68.69 प्रतिशत है।
पिछले एक दशक में भारत की अर्थव्यवस्था की रैंकिंग में भी बड़ा सुधार हुआ है और मौजूदा समय में भारत की जीडीपी रैंकिंग पांचवी है, जो कि 2014 में 10वीं थी। अनुमान के मुताबिक, आने वाले तीन से चार वर्षों में भारत जर्मनी और जापान को पछाड़कर अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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