मुंबई, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डेबिट या क्रेडिट कार्ड के दुरुपयोग के संबंध में विभिन्न शिकायतें दर्ज किए जाने के बाद 1 अक्टूबर से अपने कार्ड-ऑन-फाइल टोकनकरण मानदंडों को लागू करने के लिए तैयार है।पिछले कुछ वर्षो में साइबर धोखाधड़ी द्वारा कई लोगों को धोखा दिया गया क्योंकि उन्होंने भविष्य के भुगतान के लिए व्यापारियों की वेबसाइट पर अपने कार्ड का डेटा संग्रहीत किया है।
आइए समझते हैं कि ये नए मानदंड क्या हैं और आपको अपने कार्ड को टोकन क्यों देना चाहिए।
सबसे पहले, टोकनाइजेशन का मतलब है कि आपके कार्ड का विवरण जैसे कि 16-डिजिट नंबर, नाम, एक्सपायरी डेट और कोड जिन्हें आप भविष्य के भुगतान के लिए पहले सहेजते थे, अब एक टोकन द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा। लेनदेन के लिए व्यापारी की वेबसाइट द्वारा टोकन का उपयोग किया जाता है।
ग्राहकों के कार्ड के विवरण को सुरक्षित करने के लिए आरबीआई टोकन के इन मानदंडों को लागू कर रहा है। वर्तमान में, बैंक कार्ड विवरण एक लेनदेन के दौरान एक व्यापारी द्वारा सहेजा जाता है। यदि, व्यापारी की वेबसाइट हैक की जाती है, तो ग्राहकों का विवरण उजागर हो जाएगा।
इन मानदंडों के लागू होने के बाद सभी ग्राहकों का डेटा बैंक के पास होगा, न कि मर्चेट वेबसाइट के पास।
सिक्योरिंग/टोकनाइजेशन आपको हर बार अपना पूरा कार्ड विवरण डालने की परेशानी से बचाने में भी मदद करता है।
ग्राहकों को इस सेवा का लाभ उठाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा।
--आईएएनएस
एसकेके/एएनएम