🏃 इस ब्लैक फ्राइडे ऑफर का लाभ जल्दी उठाएँ। InvestingPro पर अभी 55% तक की छूट पाएँ!सेल को क्लेम करें

हिमाचल में बारिश से फसलें हुईं प्रभावित, सब्जियों के बढ़े दाम

प्रकाशित 08/10/2022, 05:31 pm
© Reuters.  हिमाचल में बारिश से फसलें हुईं प्रभावित,  सब्जियों के बढ़े दाम

शिमला, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। खरीफ सीजन या गर्मी की फसलों में ढाई महीने से अधिक समय से लगातार मानसून की बारिश ने हिमाचल प्रदेश में टमाटर, शिमला मिर्च, मटर, बीन्स, ककड़ी और गोभी की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है। उत्पादन में कुल मिलाकर 50 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।लेकिन किसान शिकायत नहीं कर रहे हैं, क्योंकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में सब्जी की कीमतें आसमान छू रही हैं और उन्हें लाभकारी मूल्य मिल रहे हैं।

व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के बाद कीमतें सामान्य हो जाएंगी, जब उत्तर भारतीय मैदानी इलाकों से सब्जियां बाजार में आने लगेंगी। वर्तमान में, उपभोक्ता बड़े पैमाने पर पहाड़ी राज्य पर निर्भर हैं।

ढल्ली बाजार के थोक व्यापारी नाहर सिंह चौधरी ने आईएएनएस को बताया, मटर की कीमत दोगुनी हो गई हैं, शिमला में इसकी थोक कीमत 150-160 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो एक साल पहले इस सीजन में 70-80 रुपये प्रति किलोग्राम थी।

चंडीगढ़ में टमाटर की कीमत पिछले साल 30 रुपये प्रति किलो की तुलना में खुदरा क्षेत्र में बढ़कर 60 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। करसोग और शिमला क्षेत्रों से आ रहे मटर चंडीगढ़ में खुदरा में 200-220 रुपये किलो बिक रहे हैं।

सोलन थोक बाजार के एक सब्जी विक्रेता दिलबाग ठाकुर ने आईएएनएस को बताया, मैदानी इलाकों में त्योहारी और शादियों के मौसम के कारण सब्जियों की भारी मांग है। चूंकि पहाड़ियों में उत्पादन में 40-50 प्रतिशत की गिरावट आई है और मैदानी इलाकों में सब्जियों की कटाई अभी बाकी है, इसलिए हिमाचल प्रदेश के किसानों को अच्छी कीमतें मिल रही हैं।

उन्होंने कहा कि टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, बीन, गोभी और लौकी की फसलें चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बाजारों में अच्छी कीमतों के साथ पहुंच रही हैं।

उन्होंने कहा कि टमाटर की कटाई दो सप्ताह के भीतर खत्म होने वाली है। उसके बाद पंजाब और हरियाणा से फसल की आवक शुरू हो जाएगी और फिर टमाटर की कीमतें सामान्य हो जाएंगी।

टमाटर राज्य के निचले और मध्य-पहाड़ियों में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों में से एक है। अकेले सोलन जिले में लगभग 1.75 लाख टन टमाटर का उत्पादन होता है, जो राज्य के कुल उत्पादन का आधा है।

शिमला, कांगड़ा और सोलन जिलों के किसानों ने कहा कि पहाड़ी राज्य में सब्जियों की फसलों को भारी बारिश और फंगल के कारण नुकसान हुआ है, जिसने इस मानसून में फसलों को अधिक नष्ट कर दिया।

राज्य में शिमला मिर्च की उत्पादकता ज्यादा है। यह मुख्य रूप से सोलन, शिमला और सिरमौर जिलों में लगभग 1,200 हेक्टेयर में उगाया जाता है। राज्य में सालाना एक लाख टन शिमला मिर्च का उत्पादन होता है।

सुपर क्वालिटी शिमला मिर्च का थोक भाव 60-70 रुपये किलो था और खुदरा में इन दिनों चंडीगढ़ में इसकी कीमत 80 रुपये किलो के आसपास है।

स्ट्रीट वेंडर अक्सर थोक बाजार की तुलना में 20-30 फीसदी से अधिक कीमतों पर सब्जियां बेचते हैं।

राज्य के कृषि विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अत्यधिक बारिश के कारण राज्य भर में टमाटर की फसलों में फंगस डिजीज सबसे अधिक देखने को मिला।

शिमला के बाहरी इलाके जब्बरहट्टी में गोभी उत्पादक चरण दास वर्मा ने कहा कि इस बार फसल खराब है। उन्होंने कहा, इस साल बारिश का पानी खेतों में भर जाने से गोभी की ज्यादातर फसल को नुकसान पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि शिमला में गोभी का थोक भाव 25 से 30 रुपये किलो, जबकि चंडीगढ़ में 40 से 45 रुपये और दिल्ली में 50 से 60 रुपये प्रति किलो है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल इस अवधि के दौरान थोक बाजार में गोभी 15 रुपये प्रति किलोग्राम से कम थी।

इसी तरह चंडीगढ़ में बीजरहित खीरा खुदरा में 60 रुपये किलो बिक रहा है।

फील्ड रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस सीजन में शिमला मिर्च की फसल को नुकसान पहुंचा है। खासकर सोलन और शिमला क्षेत्रों में, जिससे 70 प्रतिशत तक आर्थिक नुकसान हुआ है।

पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली लाल और पीली शिमला मिर्च की पहले की तुलना में अच्छी कीमत मिल रही है।

कंडाघाट में सब्जी उत्पादक दुर्गा देवी ने कहा कि हरी शिमला मिर्च की फसल के नुकसान के कारण लाल और पीली शिमला मिर्च की अच्छी कीमत मिल रही है।

उन्होंने कहा कि पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली हरी शिमला मिर्च फंगस रोग से प्रभावित नहीं होती है।

पॉलीहाउस पॉलीथिन से बना एक सुरक्षात्मक शेड है और इसका उपयोग उच्च मूल्य वाले कृषि उत्पादों को उगाने के लिए किया जाता है।

सरकार पॉलीहाउस में विदेशी सब्जियों और फूलों की खेती को बढ़ावा दे रही है जिससे उत्पादकों की समृद्धि में इजाफा होगा।

सब्जी उत्पादन सालाना 3,500-4,000 करोड़ रुपये का राजस्व पैदा कर रहा है और कृषि क्षेत्र में एक वैकल्पिक आर्थिक गतिविधि के रूप में उभर रहा है।

पारंपरिक खाद्य फसलों की तुलना में गैर-मौसमी सब्जियों की खेती पर प्रतिफल बहुत अधिक होता है। साथ ही जैविक खाद्य की उच्च मांग और लाभकारी कीमतों को भुनाने के लिए फल, सब्जियां या दालें जैसी राज्य जैविक खेती पर जोर दिया जा रहा है।

कृषि विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 71 लाख किसान रासायनिक मुक्त फसल उगा रहे हैं।

सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहनों से प्रदेश में प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों का झुकाव कई गुना बढ़ गया है। रासायनिक खाद मुक्त खेती की ओर महिलाएं अहम भूमिका निभा रही हैं।

--आईएएनएस

पीके/एसकेके

नवीनतम टिप्पणियाँ

हमारा ऐप इंस्टॉल करें
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
फ्यूज़न मीडिया आपको याद दिलाना चाहता है कि इस वेबसाइट में मौजूद डेटा पूर्ण रूप से रियल टाइम एवं सटीक नहीं है। वेबसाइट पर मौजूद डेटा और मूल्य पूर्ण रूप से किसी बाज़ार या एक्सचेंज द्वारा नहीं दिए गए हैं, बल्कि बाज़ार निर्माताओं द्वारा भी दिए गए हो सकते हैं, एवं अतः कीमतों का सटीक ना होना एवं किसी भी बाज़ार में असल कीमत से भिन्न होने का अर्थ है कि कीमतें परिचायक हैं एवं ट्रेडिंग उद्देश्यों के लिए उपयुक्त नहीं है। फ्यूज़न मीडिया एवं इस वेबसाइट में दिए गए डेटा का कोई भी प्रदाता आपकी ट्रेडिंग के फलस्वरूप हुए नुकसान या हानि, अथवा इस वेबसाइट में दी गयी जानकारी पर आपके विश्वास के लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं होगा।
फ्यूज़न मीडिया एवं/या डेटा प्रदाता की स्पष्ट पूर्व लिखित अनुमति के बिना इस वेबसाइट में मौजूद डेटा का प्रयोग, संचय, पुनरुत्पादन, प्रदर्शन, संशोधन, प्रेषण या वितरण करना निषिद्ध है। सभी बौद्धिक संपत्ति अधिकार प्रदाताओं एवं/या इस वेबसाइट में मौजूद डेटा प्रदान करने वाले एक्सचेंज द्वारा आरक्षित हैं।
फ्यूज़न मीडिया को विज्ञापनों या विज्ञापनदाताओं के साथ हुई आपकी बातचीत के आधार पर वेबसाइट पर आने वाले विज्ञापनों के लिए मुआवज़ा दिया जा सकता है।
इस समझौते का अंग्रेजी संस्करण मुख्य संस्करण है, जो अंग्रेजी संस्करण और हिंदी संस्करण के बीच विसंगति होने पर प्रभावी होता है।
© 2007-2024 - फ्यूजन मीडिया लिमिटेड सर्वाधिकार सुरक्षित