जिनेवा, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। दुनिया को शुद्ध शून्य उत्सर्जन की ओर ले जाने के लिए अक्षय ऊर्जा में वैश्विक निवेश को 2050 तक तीन गुना किया जाना चाहिए। यह जानकारी विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) द्वारा जारी नवीनतम रिपोर्ट से सामने आई है।समाचार एजेंसी शिन्हुआ के हवाले से रिपोर्ट के हवाले से कहा गया है कि, स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से बिजली की आपूर्ति अगले आठ वर्षों में दोगुनी होनी चाहिए, नहीं तो वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा कमजोर हो सकती है।
डब्ल्यूएमओ की 2022 स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है। अधिक लगातार और तीव्र चरम मौसम सहित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सीधे ईंधन आपूर्ति, ऊर्जा उत्पादन और ऊर्जा बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर रहे हैं।
यद्यपि वैश्विक स्तर पर जल संसाधन दुर्लभ हैं, 2020 में थर्मल, परमाणु और जलविद्युत प्रणालियों से उत्पन्न वैश्विक बिजली का 87 प्रतिशत सीधे पानी की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
करीब 33 फीसदी थर्मल पावर प्लांट, जो ठंडा करने के लिए ताजे पानी पर निर्भर हैं, उच्च जल दबाव वाले क्षेत्रों में हैं, जैसा कि मौजूदा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का 15 फीसदी है। यह आंकड़ा अगले 20 वर्षों में बढ़कर 25 फीसदी हो सकता है।
डब्ल्यूएमओ के महासचिव पेटेरी तालास ने कहा, 2050 तक शून्य शून्य लक्ष्य है। लेकिन हम वहां तभी पहुंचेंगे जब हम अगले आठ वर्षों के भीतर कम उत्सर्जन वाली बिजली की आपूर्ति को दोगुना कर देंगे।
उन्होंने कहा, ऊर्जा क्षेत्र वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लगभग तीन-चौथाई का स्रोत है। ऊर्जा उत्पादन के स्वच्छ रूपों पर स्विच करना, जैसे कि सौर, पवन और जल विद्युत और ऊर्जा दक्षता में सुधार महत्वपूर्ण है यदि हम में कामयाब होना है इक्कीसवीं सदी।
डब्ल्यूएमओ प्रमुख ने चेतावनी दी, समय हमारे साथ नहीं है, और हमारी आंखों के सामने हमारी जलवायु बदल रही है। हमें वैश्विक ऊर्जा प्रणाली के पूर्ण परिवर्तन की आवश्यकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, भविष्य में अफ्रीका एक प्रमुख अक्षय ऊर्जा खिलाड़ी हो सकता है।
2050 तक, वैश्विक बिजली की जरूरतों को मुख्य रूप से अक्षय ऊर्जा से पूरा किया जाएगा, जिसमें सौर ऊर्जा सबसे बड़ा स्रोत होगा। हालांकि अफ्रीका विश्व स्तर पर 60 प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ सौर संसाधनों का घर है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, सभी अफ्रीकियों को आधुनिक ऊर्जा उपलब्ध कराने के लिए सालाना 25 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत है।
यह वर्तमान वैश्विक ऊर्जा निवेश के लगभग एक प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
--आईएएनएस
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