सोनीपत, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी में कानून की सहायक प्रोफेसर, प्रोफेसर शिरीन मोती को भारत में न्याय और कानूनी सहायता तक पहुंच को बढ़ावा देने के लिए फ्यूचर यूके की महिलाओं द्वारा वुमेन ऑफ द फ्यूचर: 50 राइजिंग स्टार्स इन ईएसजी से सम्मानित किया गया है।वह एकमात्र भारतीय हैं और 12 एशियाई लोगों में से एक हैं जिन्हें इन अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों की 2022 सूची के रूप में मान्यता दी गई है। वह संवैधानिक कानून और सिद्धांत, अंतरराष्ट्रीय कानूनी नारीवाद, महिलाओं के खिलाफ हिंसा और नैदानिक कानूनी शिक्षा के क्षेत्रों में शोध करती हैं।
भविष्य की महिलाएं : ईएसजी में 50 उभरते सितारे, ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन) में सबसे आगे 35 वर्ष और उससे कम उम्र की प्रतिभाशाली महिला ट्रेलब्लेजर और रोल मॉडल का जश्न मनाते हैं।
प्रोफेसर मोती जेजीएलएस, जेजीयू की पूर्व छात्र हैं। वह एक ब्रिटिश एफसीओ शेवनिंग विद्वान भी हैं और उन्होंने लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी से मास्टर इन लॉ (एलएलएम) की डिग्री पूरी की है। वह बेस्टसेलिंग बुक गाइड टू एलएलएम एडमिशन एंड स्कॉलरशिप अब्रॉड की लेखिका हैं। मार्च 2020 में, प्रोफेसर मोती कॉर्नेल विश्वविद्यालय में कॉर्नेल इंडिया लॉ सेंटर स्कॉलर की पहली विजिटिंग स्कॉलर थीं। मार्च 2021 में, उन्हें नेतृत्व की स्थिति में एक महिला के रूप में पहचाना गया और इंडिया स्कूल ऑफ डेमोक्रेसी, शक्ति और शेवनिंग फेलो द्वारा आयोजित वुमेन इन पॉलिटिकल लीडरशिप कार्यक्रम में भाग लिया, जो शेवनिंग एलुमनी प्रोजेक्ट फंड द्वारा समर्थित है।
अभियान ईएसजी के विभिन्न पहलुओं में काम करने वाले 50 प्रतिभाशाली लीडर्स को प्रदर्शित करता है जिन्होंने अपने संगठनों, पर्यावरण और व्यापक समाज पर स्थायी और सकारात्मक प्रभाव डाला है।
यह अभियान उनकी कहानियों को साझा करता है, अन्य महिलाओं को अप्रेरित करता है और नवाचार, रचनात्मकता और प्रतिभा के सकारात्मक उदाहरणों पर प्रकाश डालता है।
--आईएएनएस
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