लखनऊ, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। यूपी सरकार खांडसारी इकाइयों के जरिए गन्ना किसानों को राहत देने में जुटी है। इसके लिए अब तक 284 इकाइयों को लाइसेंस दिए जा चुके हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1250 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 32 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नयी खांडसारी नीति के तहत अब तक 284 इकाइयों को लाइसेंस दिए जा चुके हैं। इनको लगाने में ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1250 करोड़ रुपये का निवेश होगा। साथ ही 32 हजार लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। सारी इकाइयों के संचालन पर इनकी कुल पेराई क्षमता 73,550 टीसीडी (टन क्रशिंग पर डे) होगी। इस तरह से इस नई नीति से एक साथ कई लाभ हो रहे हैं। स्थानीय स्तर पर रोजगार की वृद्धि होगी, निवेश बढ़ने के साथ चीनी मिलों पर पेराई का बोझ भी कम होगा।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के करीब 65 लाख किसान परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हैं। प्रदेश में गन्ने की पेराई एवं भुगतान एक बेहद संवेदनशील मामला रहा है। योगी सरकार ने आते ही गन्ना किसानों की समस्याओं के स्थाई हल के लिए पहल की। इसी क्रम में खांडसारी नीति में भी बदलाव किया गया।
पहले किसी चीनी मिल से किसी खांडसारी इकाई की दूरी 15 किमी (एयर डिस्टेंस) होनी चाहिए थी। योगी सरकार ने इस दूरी को आधा कर दिया। पहले से स्थापित खांडसारी इकाइयों के पुर्नसचालन के लिए नि:शुल्क लाइसेंस नवीनीकरण की व्यवस्था की। गन्ने के प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के मकसद से मुजफ्फरनगर और लखनऊ में गुड़ महोत्सव का भी आयोजन कराया गया।
--आईएएनएस
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