श्रीनगर, 10 नवंबर (आईएएनएस)। जम्मू कश्मीर के नौजवान वर्तमान समय में अपनी क्षमता के बल पर अपने प्रदेश और देश का नाम दुनिया में रौशन कर रहे हैं। जम्मू कश्मीर के नौजवान सरकारी नौकरी करने के बजाए अपने हुनर के माध्यम से अपना करियर बनाने में जुटे हैं। श्रीनगर के दारा हारून में जन्में अर्जमंद आजाद कुरैशी इसका बहुत बेहतर उदहारण हैं। अर्जमंद आजाद कुरैशी ने ब्रिटेन की वेल्स यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। उनका प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए दो बार चयन हुआ। लेकिन आजाद कुरैशी ने नौकरी करना पसंद नहीं किया। उन्होंने केवल अपने कारोबार को आगे बढ़ाया और वह आज सफल कारोबारी हैं, व वर्तमान समय में हिमाचल प्रदेश के धर्मशला से जम्मू कश्मीर की प्रसिद्ध हस्तशिल्प को दुनिया में पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा आजाद कुरैशी भारत पर्यटन विकास निगम द्वारा मान्यता प्राप्त परिचालन मैनेजर भी हैं।
आजाद कुरैशी ने कहा, वह जम्मू कश्मीर के प्रसिद्ध उत्पादकों को दुनिया के कई देशों को निर्यात कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। जिन देशों को कुरैशी उप्तपादकों का निर्यात करते हैं उनमें मलेशिया, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के अलावा भी कई देश शामिल हैं।
आजाद कुरैशी का कहना है कि मेरा कारोबार की तरफ अधिक ध्यान था, यू कहें कि कारोबार मेरा जुनून था। यही कारण था कि मैंने सरकारी नौकरी नहीं की। कारोबार की शुरुआत में मुझे काफी मुशकिलों का सामना करना पड़ा। मुझे कई बार नुकसान भी हुआ, लेकिन हिम्मत नहीं हारी। जिसका उदहारण द कश्मीर स्टैग आप सभी के सामने है। आगे कहा मैंने द कश्मीर स्टैग की शुरुआत 24 अक्टूबर 2020 को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से की थी। आजाद कुरैशी का कहना है कि वह लंदन और अमेरिका मेंं जल्द ही अपना ब्रैंड लॉन्च करेंगे।
अर्जमंद आजाद कुरैशी ने बताया कि इसकी पहल का उद्देश्य कश्मीर की हस्तशिल्प के प्रामाणिक उत्पादों को दुनिया भर में पहुंचाने का था। आज इसकी तेजी से मांग भी बढ़ रही है। ग्राहकों को भी आज कश्मीरी प्रामाणिक उत्पादों को खरीदने की जगह मिल गई है, जिसके लिए वह कभी चिंतित रहते थे। अर्जमंद कुरैशी का यह भी कहना है वह द कश्मीर स्टैग का शोरूम जम्मू कश्मीर में भी खोलने का प्रयास करेंगे।
--आईएएनएस
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