ग्रेटर नोएडा, 10 नवंबर (आईएएनएस)। 2024 के सितंबर महीने में पूरा हो जाएगा नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पहले फेज का काम। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का कंसेसन उत्तर प्रदेश सरकार से 40 सालों के लिए हुआ है। यह करार 1 अक्टूबर 2021 से शुरू हुआ है और यह एयरपोर्ट 1300 हेक्टेयर जमीन पर फैला है। इसका निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है। इसका पहला चरण 2024 के अंत तक पूरा हो जाएगा और पहले चरण के दौरान एक रनवे और एक टर्मिनल प्रतिवर्ष 12 मिलियन यात्रियों के सफर के लिए तैयार होगा। सबसे बड़ी बात है कि इस रिपोर्ट में भारतीय संस्कृति को दशार्ने का सबसे ज्यादा प्रयास किया गया है और खासतौर से उत्तर प्रदेश के संस्कृति को आगे रखते हुए इसके मुख्य द्वार को बनारस के घाट के तर्ज पर डिजाइन किया गया है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की पैरंट कंपनी ज्यूरिख कंपनी है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल के बाहरी कोर्ट की सीढ़ियां वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों से प्रेरित हैं। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट में दो टर्मिनल कॉन्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं। जिनके पूरा हो जाने के बाद हर साल 30 मिलियन यात्रियों की क्षमता होगी। 2024 के प्रथम चरण में पूरा हो जाने के बाद यात्री क्षमता की अगर बात करें तो 12 मिलियन प्रतिवर्ष यात्री यहां पर ट्रैवल करेंगे और जब चौथा चरण पूरा हो जाएगा तो यात्रियों की संख्या बढ़कर 70 मिलियन हो जाएगी।
एयर ट्रैफिक मूवमेंट 2024 में 1 लाख प्रति वर्ष जोड़ा गया है। वहीं चौथे चरण पूरा होने के बाद इसे 5 लाख प्रति वर्ष के हिसाब से कैलकुलेट किया गया है। इसके साथ ही कार्गो की क्षमता प्रथम चरण के बाद ढाई लाख टन होगी और यही चार चरण पूरा होने के बाद 1.2 मिलियन हो जाएगी।
नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को पूरी तरह से डिजिटल एयरपोर्ट बनाया जाएगा। इसमें इनडोर नेविगेशन, पैसेंजर फ्लोर मैनेजमेंट, स्मार्टफोन द्वारा चेक इन, बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसे टेक्नोलॉजीज का इस्तेमाल किया जा रहा है।
काम को और भी ज्यादा तेजी में लाने के लिए फिलहाल 1000 लोग चार अलग-अलग शिफ्टों में लगातार काम कर रहे हैं। चारों चरणों को कंप्लीट होने में लगभग 10 साल का वक्त लग जाएगा पहला चरण सितंबर 2024 तक पूरा होगा जिसे नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लोगों द्वारा बताया गया है। नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने आईएएनस से बात करते हुए बताया की इस एयरपोर्ट में कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान रखा गया है और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सिस्टम इसमें रखा जाएगा। यात्री की सुविधा के लिए सुगम रेल, बस, मेट्रो कनेक्ट के लिए के प्रावधान है। साथ ही साथ अगर बात करें तो नोएडा से 40 किलोमीटर दिल्ली से 70 किलोमीटर और आगरा से इस एयरपोर्ट की दूरी 130 किलोमीटर होगी।
--आईएएनएस
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