नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। अप्रैल 2021 से अब तक 106 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई है, जबकि 2015 से 2021 तक छह वर्षो में 108 ब्लॉकों की नीलामी की गई है।खान मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, पिछले 18 महीनों में नीलामी किए गए खनिज ब्लॉकों की संख्या में तीन गुना वार्षिक वृद्धि मुख्य रूप से खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 में किए गए संशोधनों के कारण है।
सरकार ने पिछले साल एमएमडीआर संशोधन अधिनियम, 2021 के माध्यम से कानून में संशोधन किया था, जिसका उद्देश्य खनिज उत्पादन बढ़ाना और खानों का समयबद्ध संचालन, खनन क्षेत्र में रोजगार और निवेश बढ़ाना, पट्टेदार के परिवर्तन के बाद खनन कार्यो में निरंतरता बनाए रखना था, ताकि खनिज संसाधनों की खोज और नीलामी की गति बढ़े।
सूत्रों ने कहा कि नीलाम किए गए ब्लॉक, जो चालू हो गए हैं, के परिणामस्वरूप ओडिशा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे खनिज समृद्ध राज्यों के राजस्व में वृद्धि हुई है।
हालांकि, नीलामी में काम कर रही 36 खदानों की संख्या 405 गैर-नीलामी खदानों की तुलना में बहुत कम है, लेकिन नीलामी की गई खदानों से प्रीमियम संग्रह सभी काम कर रही खदानों से रॉयल्टी संग्रह को पार कर रहा है।
2021-22 के लिए नीलामी की गई खदानों से कुल नीलामी प्रीमियम ओडिशा, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के तीन राज्यों में 21,148.04 करोड़ रुपये था, जबकि सभी चालू खदानों की रॉयल्टी से 21,267.64 करोड़ रुपये था।
उन्होंने बताया कि चालू वित्तवर्ष में भी यही प्रवृत्ति देखी जा सकती है।
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