चेन्नई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास ने वार्ड स्तर पर बारिश की भविष्यवाणी करने के लिए एक स्थानीय क्षेत्रीय मौसम मॉडल विकसित किया है। चेन्नई नगर निगम में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।यह संस्थान की विद्यार्थी क्रिथिगा की सिंचाई प्रबंधन के लिए मौसम पूवार्नुमान प्रदान करने का एक शोध प्रोजेक्ट था, जिसका उपयोग चेन्नई निगम में स्थानीय स्तर पर वर्षा की सटीक भविष्यवाणी के लिए किया जा रहा है।
आईआईटी मद्रास ने भी इस मॉडल को मान्य किया है और इसे सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक) में लागू किया है, जो रोजाना चलाया जाता है। प्रोजेक्ट का डेटा रोज तमिलनाडु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के साथ साझा किया जाता है। आईआईटी मद्रास के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मौसम की भविष्यवाणी सप्ताह में सातों दिन की जाती है।
गौरतलब है कि वर्तमान में भारतीय मौसम विभाग पूरे देश के लिए बड़े पैमाने पर एक मौसम मॉडल चला रहा है, जो दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रति अधिक विशिष्ट है जो देश के लिए प्राथमिक मानसून है।
आईआईटी मद्रास के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि संस्थान मौसम अनुसंधान और पूवार्नुमान मॉडल का उपयोग कर रहा है और प्रायद्वीपीय भारत के दक्षिणी क्षेत्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप इसे संशोधित किया है।
नया मॉडल 4 किमी रिजॉल्यूशन का है, जबकि आईएमडी मॉडल 25 किमी रिजॉल्यूशन का है, इसलिए यह अधिक स्थानीय पूवार्नुमान प्रदान करने में सक्षम होगा। इसके जरिए चेंबरमबक्कम जलाशय के ऊपर की बारिश जैसी जानकारी भी दर्ज की जा सकती है ।
आईआईटी मद्रास के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि चेन्नई निगम में परीक्षण के आधार पर लागू की गई परियोजना को तिरुनेलवेली जिले तक बढ़ाया जाएगा।
-- आईएएनएस
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