विशाखापत्तनम, 12 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 10,742 करोड़ रुपये की सात विकास परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास किया।विशाखापत्तनम में आंध्र विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित एक सार्वजनिक बैठक में उन्होंने दो परियोजनाओं का उद्घाटन किया और रिमोट दबाकर पांच अन्य की आधारशिला रखी।
इस मौके पर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन, मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी, केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और अन्य उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री ने 2,917 करोड़ रुपये की लागत से विकसित तेल और प्राकृतिक गैस आयोग (ओएनजीसी (NS:ONGC)) की यू-फील्ड ऑनशोर डीप वाटर ब्लॉक परियोजना राष्ट्र को समर्पित की। अधिकारियों के अनुसार यह लगभग 30 लाख मीट्रिक मानक घन मीटर प्रति दिन (एमएमएससीएमडी) की गैस उत्पादन क्षमता वाली परियोजना की सबसे बड़ी गैस खोज है।
उन्होंने लगभग 6.65 एमएमएससीएमडी की क्षमता वाली गेल (NS:GAIL) की श्रीकाकुलम अंगुल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना की आधारशिला रखी। 745 किलोमीटर लंबी यह पाइपलाइन कुल 2,658 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनेगी।
प्राकृतिक गैस ग्रिड (एनजीजी) का एक हिस्सा होने के नाते, पाइपलाइन आंध्र प्रदेश और ओडिशा के विभिन्न जिलों में घरेलू घरों, उद्योगों, वाणिज्यिक इकाइयों और ऑटोमोबाइल क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण करेगी। पाइपलाइन आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम और विजयनगरम जिलों में सिटी गैस वितरण नेटवर्क को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करेगी।
मोदी ने छह लेन के ग्रीनफील्ड रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे के आंध्र प्रदेश खंड की आधारशिला रखी। इसे 3,778 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया जाएगा।
आर्थिक गलियारे से छत्तीसगढ़ और ओडिशा के औद्योगिक नोड्स के बीच विशाखापत्तनम बंदरगाह और चेन्नई-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच तेजी से संपर्क प्रदान करने की उम्मीद है। यह आंध्र प्रदेश और ओडिशा के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा।
उन्होंने लगभग 460 करोड़ रुपये की लागत से किए जाने वाले विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला भी रखी। पुनर्विकसित स्टेशन प्रति दिन 75,000 यात्रियों को सेवा प्रदान करेगा और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करके यात्रियों के अनुभव में सुधार करेगा।
विशाखापत्तनम फिशिंग हार्बर के आधुनिकीकरण और अपग्रेड के लिए आधारशिला भी रखी गई। परियोजना की कुल लागत लगभग 152 करोड़ रुपये है। फिशिंग हार्बर, इसके अपग्रेड और आधुनिकीकरण के बाद, हैंडलिंग क्षमता 150 टन प्रति दिन से दोगुना होकर लगभग 300 टन प्रति दिन हो जाएगी। जेटी में टर्नअराउंड समय को कम किया जाएगा और मूल्य प्राप्ति में सुधार करने में मदद करेगा।
विशाखापत्तनम में कॉन्वेंट जंक्शन से शीला नगर जंक्शन तक एक समर्पित बंदरगाह सड़क का भी शिलान्यास किया गया। यह स्थानीय और बंदरगाह-बाध्य माल यातायात को अलग करके विशाखापत्तनम शहर में यातायात की भीड़ को कम करेगा।
प्रधानमंत्री ने श्रीकाकुलम-गजपति कॉरिडोर के एक हिस्से के रूप में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से निर्मित एनएच-326 के पथपट्टनम खंड को राष्ट्र को समर्पित किया। यह परियोजना क्षेत्र में बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी।
--आईएएनएस
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