नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने शक्ति नीति के बी (5) के तहत पांच साल के लिए कुल 4500 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए योजना बनाई है। बिजली की कमी का सामना कर रहे राज्यों की मदद करने और उत्पादन संयंत्रों को उनकी क्षमता बढ़ाने में मदद करने की योजना के तहत पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड ने 4,500 मेगावाट की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं।केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के मुताबिक बिजली की आपूर्ति अप्रैल 2023 से शुरू हो जाएगी। कोयला मंत्रालय से इसके लिए लगभग 27 एमटीपीए आवंटित करने का अनुरोध किया गया है। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 21 दिसंबर 2022 है।
विद्युत मंत्रालय ने शक्ति नीति के बी (5) के तहत प्रतिस्पर्धी आधार पर या वित्त, स्वामित्व और संचालन (एफओओ) के आधार पर 4500 मेगावाट की कुल बिजली खरीद के लिए यह योजना शुरू की है।
पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड को विद्युत मंत्रालय ने नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया है। योजना के तहत पीएफसी कंसल्टिंग लिमिटेड ने 4,500 मेगावाट की आपूर्ति के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। अप्रैल 2023 से बिजली की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। कोयला मंत्रालय से इसके लिए करीब 27 एमटीपीए आवंटित करने का अनुरोध किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक जिन कंपनियों ने योजना में दिलचस्?पी दिखाई है, उनमें गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड, महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड, मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, नई दिल्ली नगर निगम और तमिलनाडु जनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉपोर्रेशन लिमिटेड शामिल हैं। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 21 दिसंबर 2022 है।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय का कहना है कि ऐसा पहली बार है कि शक्ति योजना के बी (5) के तहत बोली लगाई जा रही है। साथ ही इस बोली में मध्यम अवधि के लिए संशोधित पीपीए का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस योजना से बिजली की कमी का सामना कर रहे राज्यों को मदद मिलने की उम्मीद है और इससे उत्पादन संयंत्रों को अपनी क्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
ऊर्जा मंत्रालय ने 25 अक्टूबर 2022 को शक्ति नीति के पैरा बी (5) के तहत वित्त, स्वामित्व और संचालन (एफओओ) के आधार पर बिजली की खरीद के लिए दिशानिर्देशों को अधिसूचित किया था। शक्ति नीति के पैरा बी (5) के प्रावधानों के अनुसार कोयला आवंटन की कार्यप्रणाली 11 मई, 2022 को जारी की गई थी।
--आईएएनएस
जीसीबी/एएनएम