नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। कोयला एवं खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने में सूखे ईंधन के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सरकार इस क्षेत्र में कई सुधार कर रही है।जोशी ने बेंगलुरु में कोयला और खनन क्षेत्र से जुड़े निवेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए निवेशकों से कहा कि सूखे ईंधन के भविष्य के प्रति सरकार का दृष्टिकोण सकारात्मक है।
कोयला मंत्रालय 141 ब्लॉकों की नीलामी के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के लिए देशभर में विभिन्न सम्मेलनों का आयोजन कर रहा है। यह आयोजन वाणिज्यिक खनन के लिए किया जा रहा है।
इस अवसर पर कोयला और खनन मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्य सरकार के अधिकारी भी मौजूद थे।
जोशी ने आगे कहा कि देश की जीडीपी में खनन क्षेत्र का मौजूदा योगदान 0.9 फीसदी है।
उन्होंने साल 2030 तक इस योगदान को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने के केंद्र के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए संकेत दिया कि खनन क्षेत्र में बहुत बड़ी संभावना है और निवेशकों से इस अवसर में भाग लेने का आग्रह किया।
कोयला मंत्रालय ने 3 नवंबर, 2022 को वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी की छठी किस्त शुरू की, जिसमें पांचवीं किस्त के दूसरे प्रयास के तहत आठ कोयला खदानों सहित 141 कोयला खदानों की पेशकश की गई।
खनन मंत्रालय ने मार्च 2021 से अब तक 108 खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है, जबकि इससे पहले छह साल में 2015 से 2021 तक 108 ब्लॉकों की नीलामी की गई थी।
इसके अलावा, 70 खनिज ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रियाधीन है।
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने नीलामी के लिए राज्य सरकारों को 200 से अधिक खोजे गए ब्लॉक सौंपे हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि देश में 400 से अधिक ब्लॉक नीलामी के लिए तैयार हैं।
--आईएएनएस
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