शिवपुरी, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के किसानों के लिए इस साल टमाटर की खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। इसकी वजह बाजार में दामों में भारी गिरावट है। दूसरे राज्यों के बाजारों में टमाटर की आवक ज्यादा होने से यहां के टमाटर की मांग भी कम है।शिवपुरी के कई किसान टमाटर की खेती कई वर्षों से करते आ रहे हैं, मगर वर्तमान में टमाटर के दाम औंधे मुंह गिरने से टमाटर उत्पादकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां के टमाटर उत्पादक किसानों के लिए इस साल घाटा हो रहा है। कारण यह है कि टमाटर की मांग बाहरी राज्य जैसे लखनऊ, कानपुर, दिल्ली, आगरा आदि शहरों में नहीं हैं। जिसके कारण किसानों को टमाटर के सही दाम नहीं मिल पा रहे हैं।
किसानों की मानें तो इस बार खेतों में टमाटर का बंपर उत्पादन हुआ है लेकिन बाहरी राज्यों में डिमांड न होने से टमाटर यहां से बाहर नहीं जा रहा है। टमाटर की हालत यह है कि 30 किलो की एक क्रेट के दाम 60 से 70 रुपए चल रहे हैं यानि कि टमाटर के दाम दो से तीन रुपए किलो जा रहे हैं।
टमाटर का उत्पादन करने वाले किसानों ने बताया कि बाहरी राज्यों में टमाटर की ज्यादा मांग न होने से इस साल उनकी उत्पादन लागत भी नहीं निकल पा रही है।
बीलारा गांव के रहने वाले किसान कप्तान सिंह यादव ने बताया कि उन्होंने अपनी 10 बीघा जमीन में टमाटर का उत्पादन किया था लेकिन आज हालत यह है कि इसकी लागत नहीं निकल पा रही है। बाहरी राज्यों से जो व्यापारी टमाटर खरीदने के लिए शिवपुरी आते थे वह इस बार आए नहीं हैं क्योंकि यहां के टमाटर की मांग ही नहीं है, लिहाजा दाम गिर गए हैं।
किसान कप्तान सिंह ने बताया कि इस बार टमाटर का उत्पादन घाटे का सौदा रहा है। वहीं एक किसान चतुर सिंह ने बताया कि एक टमाटर की क्रेट जो 30 किलो की होती है उसके दाम 60 से 70 रुपए किलो मिल रहे हैं और तुड़ाई के रूप में मजदूर को 30 रुपए देने पड़ रहे हैं।
शिवपुरी जिले में बीते कुछ सालों से टमाटर का लगातार उत्पादन बढ़ता जा रहा है। बीते कुछ वर्षों पहले टमाटर में किसानों को अच्छा लाभ होने से टमाटर के प्रति किसानों का रुझान बढ़ा। यही कारण है कि शिवपुरी जिले में किसानों ने टमाटर का 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में उत्पादन किया गया है लेकिन इस साल टमाटर के दाम औंधे मुंह गिर गए हैं जिसके कारण किसानों को नुकसान हो रहा है।
किसानों को अभी भी इस बात की उम्मीद है कि अगर बाहरी राज्यों में मांग बढ़ती है और यहां से टमाटर मंगाया जाता है तो उन्हें कुछ राहत मिल सकती है।
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