नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। मौसम के कारण उत्पादन में संभावित कमी और विल्ट रोग के कारण दालों की घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार इस साल (दिसंबर- नवंबर) में करीब 10 लाख टन अरहर दाल का आयात करेगी और इसकी बफर स्टॉक सीमा भी बढ़ाएगी। सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी है। शीर्ष सूत्रों ने कहा कि 31 मार्च 2024 तक खुले लाइसेंस के जरिए दालों का आयात करने का भी फैसला किया गया है। सूत्रों ने कहा कि दालों के आयात के लिए सरकार ने कई देशों के साथ बातचीत शुरू कर दी है, दालों के निरीक्षण मानदंडों में भी ढील दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, कैबिनेट सचिव द्वारा बुलाई गई आवश्यक वस्तुओं की कीमतों की समीक्षा बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया है।
कृषि मंत्रालय के अनुमानों के अनुसार, अरहर का उत्पादन 2022-23 फसल वर्ष (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 4.34 मिलियन टन से कम होकर 3.89 मिलियन टन रहने का अनुमान है। सूत्रों ने बताया कि मौसम की स्थिति और कर्नाटक के गुलबर्गा क्षेत्र में विल्ट नामक बीमारी के कारण अरहर दाल के उत्पादन में कमी हो सकती है, इसलिए सरकार ने इसे आयात करने की योजना बनाई है। अरहर की दाल मुख्य रूप से पूर्वी अफ्रीकी देशों और म्यांमार से आयात की जाती है।
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