सूरत, 1 फरवरी (आईएएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रयोगशाला में तैयार हीरे के लिए कच्चे माल पर आयात शुल्क में कटौती की घोषणा से उद्योग जगत का मनोबल बढ़ा है।जेम्स एंड ज्वैलरी प्रमोशन काउंसिल (जीपीईसी) के रीजनल चेयरमैन विजय मंगुकिया ने कहा, इससे न केवल वास्तविक हीरा क्षेत्र के समानांतर क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि घरेलू रोजगार भी मिलेगा।
मंगुकिया ने आईएएनएस को बताया, वर्तमान में प्रयोगशाला में विकसित हीरा क्षेत्रों की हिस्सेदारी कुल हीरा क्षेत्र का सिर्फ 1 से 2 प्रतिशत है। प्रयोगशाला में हीरों पर 5 प्रतिशत सीमा शुल्क में छूट के बाद घरेलू उत्पादन में वृद्धि होगी।
अब इस क्षेत्र को उम्मीद है कि अगले दो से तीन वर्षों में इसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़कर 5 प्रतिशत हो जाएगी और जल्द ही वास्तविक हीरे के लिए स्वतंत्र और समानांतर बाजार बन जाएगा।
केंद्र सरकार ने पांच साल के लिए अनुसंधान और विकास के लिए एक पैकेज की घोषणा की है, जो प्रयोगशाला में बने हीरों के लिए लाभकारी होगा।
उन्होंने कहा कि हीरा उद्योग को अन्य प्रमुख बढ़ावा आयातित सोने के आभूषणों पर सीमा शुल्क में वृद्धि से मिलता है, जो घरेलू आभूषण बाजार में प्रतिस्पर्धा को कम करता है और घरेलू बाजार को समान अवसर प्रदान करेगा।
रिजनल चेयरमैन ने कहा, कई मांगों में से कुछ मांगों पर ही वित्त मंत्री ने ध्यान दिया है। हम उद्योग सिंथेटिक हीरे के बढ़ावे को लेकर उम्मीद कर रहे थे कि इस पर सीमा शुल्क कम हो जाएगा, लेकिन वित्त मंत्री ने इस विषय को नहीं छुआ है, और उद्योग को इसे वित्त मंत्रालय के साथ आगे बढ़ाना होगा।
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