नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को उच्च मूल्य वाली बागवानी फसलों के लिए रोग मुक्त और गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए 2,200 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वच्छ संयंत्र कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की।संसद में केंद्रीय बजट पेश करते हुए, सीतारमण ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए एक कृषि त्वरक कोष स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, फंड का उद्देश्य किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए नवीन और किफायती समाधान लाना होगा और कृषि पद्धतियों को बदलने, उत्पादकता और लाभप्रदता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीकों को भी लाना होगा।
सीतारमण ने कहा, भारत दुनिया में श्री अन्ना (बाजरा) का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है और कई प्रकार के बाजरा जैसे ज्वार, रागी, बाजरा, कुट्टू, रामदाना, कंगना, कुटकी, कोदो, चीना और समा देश में उगाए जाते हैं।
उन्होंने कहा, इनके कई स्वास्थ्य लाभ हैं और सदियों से भारत के भोजन का एक अभिन्न अंग रहे हैं।
वित्त मंत्री ने इन फसलों को उगाकर साथी नागरिकों के स्वास्थ्य में योगदान देने में छोटे किसानों की बड़ी सेवा को गर्व के साथ स्वीकार किया।
उन्होंने कहा, भारत को बाजरा के लिए एक वैश्विक केंद्र बनाने के लिए, भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि कृषि के लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्च र को ओपन सोर्स, ओपन स्टैंडर्ड और इंटरऑपरेबल पब्लिक गुड के तौर पर तैयार किया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर फोकस के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।
उन्होंने कहा, मछुआरों, मछली विक्रेताओं और सूक्ष्म और छोटे उद्यमों की गतिविधियों को सक्षम करने, मूल्य श्रृंखला दक्षता में सुधार करने और बाजार का विस्तार करने के लिए 6,000 करोड़ रुपये के लक्षित निवेश के साथ पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक नई उप-योजना भी शुरू की जाएगी।
--आईएएनएस
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