नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय बजट 2023-24 को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में पेश किया, जिसमें रक्षा क्षेत्र के लिए 5.94 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जो पिछले वर्ष के 5.25 लाख करोड़ रुपये के लेआउट से 13 प्रतिशत अधिक है।केंद्रीय बजट 2023-24 में 45,03,097 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय की परिकल्पना की गई थी। इसमें से रक्षा मंत्रालय को कुल 5,93,537.64 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जो कुल बजट का 13.18 फीसदी है।
इसमें रक्षा पेंशन के लिए 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। कुल रक्षा बजट 2022-23 के बजट की तुलना में 68,371.49 करोड़ रुपये (13 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है। बीआरओ के लिए पूंजीगत बजट 43 प्रतिशत बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये किया गया; 23,264 करोड़ रुपये, डीआरडीओ को आवंटन में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि आईडीईएक्स को 116 करोड़ रुपये मिले, जो 2022-23 में 93 प्रतिशत की वृद्धि थी, ताकि नवाचार को और बढ़ावा दिया जा सके।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय बजट को विकासोन्मुख करार देते हुए कहा कि यह कुछ वर्षो के भीतर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
बजट दस्तावेज में कहा गया - सशस्त्र बलों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए युद्ध के लिए तैयार रहना होगा। इस दिशा में गैर-वेतन राजस्व परिव्यय को बजट अनुमान (बीई) 2022-23 में 62,431 करोड़ रुपये से बढ़ाकर बजट अनुमान 2023-24 में 90,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो 44 प्रतिशत की छलांग का प्रतिनिधित्व करता है। इस व्यय से लड़ाकू क्षमताओं में महत्वपूर्ण अंतराल को बंद करने और गोला-बारूद, हथियारों और संपत्तियों के रखरखाव, सैन्य भंडार आदि के मामले में सेना को लैस करने की उम्मीद है। इस बजट ने पूंजी परिव्यय में वृद्धि की प्रवृत्ति को जारी रखते हुए रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया है।
--आईएएनएस
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