मुंबई, 28 फरवरी (आईएएनएस)। मुंबई में भैंस के दूध की थोक कीमतें मंगलवार आधी रात से 5 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ जाएंगी और पूरे खाद्य उद्योग पर महत्वपूर्ण व्यापक प्रभाव पैदा कर सकता है जो कच्चे माल के रूप में इस पर निर्भर हैं।मुंबई दुग्ध उत्पादक संघ (एमएमपीए) ने पिछले शुक्रवार को भैंस के दूध के थोक मूल्य में भारी वृद्धि की घोषणा की। एमएमपीए की कार्यकारी समिति के सदस्य सीके सिंह ने कहा- थोक दूध की कीमतें 80 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर 85 रुपये प्रति लीटर हो जाएंगी और 31 अगस्त तक लागू रहेंगी।
इसके बाद मलाईदार ताजा भैंस के दूध के लिए मुंबई में 3,000 से अधिक खुदरा विक्रेताओं द्वारा खुदरा बाजार में समान वृद्धि होगी, जो अब 1 मार्च से लगभग 90 रुपये प्रति लीटर पर मिलेगा, अभी इसकी कीमत 85 रुपये प्रति लीटर है।
इन तेज बढ़ोतरी का खामियाजा आम उपभोक्ताओं को न केवल महंगे सादे दूध के रूप में उठाना पड़ेगा, बल्कि अन्य दुग्ध उत्पादों को भी वहन करना पड़ेगा, जिनका घरों में रोजाना सेवन किया जाता है। एमएमपीए के कोषाध्यक्ष अब्दुल जब्बार छावनीवाला ने कहा- इससे रेस्तरां, फुटपाथ विक्रेताओं या छोटे भोजनालयों में परोसे जाने वाले एक कप चाय-कॉफी-उकला-मिल्कशेक आदि की दरों पर प्रभाव पड़ेगा।
दोनों ने कहा कि कई अन्य दुग्ध उत्पाद जैसे खोया, पनीर, पेड़ा, बर्फी जैसी मिठाइयां, कुछ उत्तर भारतीय या बंगाली मिठाइयां हैं जो दूध आधारित हैं जो अब कीमतों में बढ़ोतरी का गवाह बन सकती हैं। उत्तरी मुंबई के प्रमुख दूधवाले महेश तिवारी ने कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी कुछ खास त्योहारों और शादियों के सीजन की पूर्व संध्या पर हुई है, जो बुधवार से थोक बिक्री दूध की कीमतों में बढ़ोतरी से प्रभावित होगी।
उन्होंने कहा, त्योहारों के दौरान दूध और दुग्ध उत्पादों की मांग कम से कम 30-35 फीसदी बढ़ जाती है और शादियों और अन्य सामाजिक आयोजनों के लिए और भी अधिक हो जाती है और नई दरें लागू होंगी। सिंह ने कहा- अगले कुछ महीनों में होली, गुड़ी पड़वा, राम नवमी, महावीर जयंती, गुड फ्राइडे के बाद ईस्टर, रमजान ईद और अन्य जैसे त्योहार है, जहां उत्सव के बजट का विस्तार करना होगा।
सिंह ने कहा- दुधारू पशुओं के साथ-साथ उनके खाद्य पदार्थों जैसे दाना, तुवर-चुनी, चना-चुनी, मकाई-चुनी, उडद-चुनी, हरी घास, चावल घास, घास की बढ़ी हुई कीमतों की भरपाई के लिए बढ़ोतरी की आवश्यकता है, जिनकी कीमतों में पिछले कुछ महीनों में 15-25 प्रतिशत की भारी वृद्धि देखी गई है।
एमएमपीए के महासचिव कासिम कश्मीरी ने कहा, महंगाई बेकाबू हो गई है, भैंस का चारा बनाने वाली कई चीजें लगभग बर्बाद हो चुकी हैं, लेकिन हमें उन्हें बाजार से ऊंचे दामों पर खरीदना पड़ रहा है। इसलिए दूध की कीमतों में वृद्धि अपरिहार्य थी, हालांकि यह अनिच्छा से की गई।
सिंह का कहना है कि आम तौर पर, मुंबई में दूध की कीमतों में किसी भी उतार-चढ़ाव के बाद आमतौर पर देश के बाकी हिस्सों में भी दूध की कीमतों में बढ़ोतरी होती है। औसतन, मुंबई में प्रतिदिन 50 लाख लीटर भैंस के दूध की खपत होती है, जिसमें से सात लाख से अधिक की आपूर्ति एमएमपीए द्वारा देश की वाणिज्यिक राजधानी में और उसके आसपास फैले अपने खेतों के माध्यम से डेयरी और पड़ोस के खुदरा विक्रेताओं की श्रृंखला के माध्यम से की जाती है।
सितंबर 2022 के बाद एमएमपीए द्वारा यह दूसरी बड़ी बढ़ोतरी है, जब भैंस के दूध की थोक कीमतों को 75 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 80 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों का घरेलू बजट बिगड़ गया था। दूसरी तरफ, फरवरी 2023 में महाराष्ट्र के सभी प्रमुख गाय दूध उत्पादक संघों के साथ-साथ अन्य प्रमुख ब्रांडेड उत्पादकों ने गाय के दूध की कीमतों में कम से कम 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।
--आईएएनएस
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