लखनऊ, 21 मई (आईएएनएस)। दो हजार रुपये के गुलाबी नोट अब बाजार में बहुत कम चलन में हैं, जबकि सरकार ने इनको वापस लेने के लिए चार महीने की मोहलत दी है।लखनऊ में सभी मध्यम और छोटे दुकानदारों ने 2,000 रुपए के नोट यह कहकर लेना बंद कर दिया है कि उनके पास छुट्टे नहीं है। केवल मल्टी-ब्रांड शोरूम ही 2,000 रुपये के नोट स्वीकार कर रहे हैं।
हजरतगंज में एक प्रमुख किराना स्टोर के मालिक ने कहा, ऐसे ग्राहकों की अचानक भीड़ बढ़ गई है जो 2,000 रुपये के नोटों के साथ भुगतान करना चाहते हैं। हम भी इन नोटों का स्टॉक नहीं करना चाहते।
ज्वैलरी की दुकानें और इलेक्ट्रॉनिक्स बेचने वाली दुकानें, हालांकि, इस मुद्रा की अधिकांश निकासी कर रही हैं।
कारोबार में तेजी लाने के लिए रविवार को कानपुर और प्रयागराज में ज्वेलरी की ज्यादातर दुकानें खुली रहीं।
प्रयागराज में ज्वैलरी शॉप के मालिक राहुल रस्तोगी ने कहा, यह शादी का मौसम भी है और लोगों को लगता है कि गुलाबी मुद्रा को सोने में निवेश करना अधिक सुरक्षित है। मेरे कुछ दोस्त बैंक में 2000 रुपये के नोट जमा नहीं कराना चाहते हैं। उनको लगता है कि यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा बिछाया गया जाल है।
हालांकि, उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अगर ग्राहक 2,000 रुपये के नोटों से ज्वेलरी खरीदते हैं तो दुकानदार ज्यादा पैसे ले रहे हैं।
उन्होंने कहा, हो सकता है कि कुछ लोग स्थिति का फायदा उठा रहे हों, लेकिन हम अपने नियमित ग्राहकों को नहीं लूट रहे हैं।
इस बीच पिंक करेंसी की वापसी को लेकर मची हड़कंप का फायदा इलेक्ट्रॉनिक शोरूम को हो रहा है।
विकास नाम के एक शख्स ने कहा, यह विमुद्रीकरण का एक रूप हो सकता है, इसलिए मैं कोई जोखिम नहीं लेना चाहता। मेरे पास पर्याप्त संख्या में 2,000 रुपये के नोट हैं और मैं कुछ मोबाइल फोन और अन्य गैजेट खरीद रहा हूं। यह बैंकों के बाहर कतार में लगने से बेहतर है।
पेट्रोल पंप मुद्रा स्वीकार कर रहे हैं, लेकिन केवल तभी जब ग्राहकों का ईंधन बिल 1000 रुपये से अधिक हो। कुछ पेट्रोल पंपों ने इसको लेकर बोर्ड भी लगा दिए हैं।
उधर, अगर कोई ग्राहक कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनता है तो फूड डिलीवरी बॉय 2,000 रुपये के नोट लेने से इनकार कर रहे हैं।
--आईएएनएस
एसकेपी