नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। एक महत्वाकांक्षी योजना जिसका उद्देश्य जैव उर्वरकों के साथ उर्वरकों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने और पौधों के वैकल्पिक पोषक तत्वों के प्रचार के लिए केंद्र सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना, कृषि प्रबंधन योजना या पीएम प्रणाम के इस महीने सामने आने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में जिस योजना की घोषणा की थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका और मिस्र की यात्रा से लौटने के बाद केंद्रीय कैबिनेट द्वारा मंजूरी दिए जाने की संभावना है।
पीएम मोदी 25 जून को अपने दो देशों के दौरे से लौटने वाले हैं, इस बात की संभावना है कि महीने के अंत में होने वाली कैबिनेट बैठक के दौरान इस योजना पर चर्चा की जा सकती है।
सूत्रों ने बताया कि योजना को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजने की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और मंजूरी मिलने के बाद यह कार्यान्वयन प्रक्रिया के तहत आ जाएगी।
योजना के पीछे मुख्य बिंदु रासायनिक उर्वरकों पर सब्सिडी के बोझ को कम करना है, जो कि 2022-23 में 2.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
सूत्रों ने कहा कि इसका कोई अलग बजट भी नहीं होगा और इसलिए इसे रसायन और उर्वरक मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के तहत चल रही उर्वरक सब्सिडी से बचाए गए धन की मदद से वित्तपोषित किया जाएगा।
सब्सिडी में की गई बचत का लगभग 50 प्रतिशत उस राज्य को अनुदान के रूप में दिया जाएगा, जो सबसे अधिक धनराशि बचाता है।
सूत्रों ने कहा, इसके अलावा, योजना के तहत प्रदान किए गए अनुदान का 70 प्रतिशत वैकल्पिक उर्वरकों के तकनीकी अपनाने और गांव, ब्लॉक और जिला स्तर पर वैकल्पिक उर्वरक उत्पादन इकाइयों से संबंधित संपत्ति निर्माण के लिए उपयोग किया जाएगा,
शेष 30 प्रतिशत का उपयोग किसानों और अन्य ग्राम निकायों को उर्वरकों के उपयोग को कम करने में योगदान देने के लिए पुरस्कृत और प्रोत्साहित करने के लिए किया जाएगा।
--आईएएनएस
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