नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएएस)। वर्षा के कारण कोयले के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका थी, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो सकता था। हालांकि कोयला मंत्रालय का कहना है कि बारिश के कारण कोयला उत्पादन पर बहुत ही मामूली असर पड़ा है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि देश के ताप विद्युत संयंत्रों (टीपीपी) के लिए कोयला पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।कोयले की अनुपलब्धता के कारण किसी भी बिजली संयंत्र को बंद नहीं किया गया है। जो संयंत्र बंद हुए हैं, वे किन्हीं अन्य कारणों से बंद हुए हैं। देश में ताप विद्युत संयंत्रों का मौजूदा कोयला स्टॉक 33.46 मिलियन टन (एमटी) है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।
खदान के अंत में पिटहेड कोयला स्टॉक, पारगमन में स्टॉक और टीपीपी सहित सभी स्थानों पर कोयले की उपलब्धता पिछले वर्ष के 76.85 एमटी की तुलना में 103 एमटी है, जो 34 प्रतिशत अधिक है।
कोयला मंत्रालय का कहना है कि वह सभी केंद्रीय और राज्य की विद्युत उत्पादन कंपनियों के साथ भी निकटता से समन्वय कर रहा है और बिजली क्षेत्र के लिए कोयले की कोई कमी नहीं है।
कोयला मंत्रालय ने यह भी कहा है कि जुलाई, 2023 के दौरान उत्पादन पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में काफी अधिक रहा है। कोयला कंपनियों ने बड़ी खदानों से निर्बाध निकासी के लिए सीमेंटेड सड़कों का निर्माण किया है। मशीनीकृत कोयला हैंडलिंग संयंत्रों के माध्यम से नौ कोयला खदानों से रेलवे साइडिंग तक परिवहन शुरू किया गया है।
कोयला कंपनियों ने ऊपरी परतों से कोयला निकालने की भी योजना बनाई है, जिसके चलते 1 अप्रैल से 16 जुलाई 2023 तक कोयला उत्पादन 258.57 मिलियन टन (एमटी) रहा है, जबकि पिछले साल यह 236.69 एमटी था। वहीं, बिजली क्षेत्र को भेजा गया कोयला पिछले साल के 224 एमटी के मुकाबले इस साल 233 एमटी रहा है।
पर्याप्त उपलब्धता के कारण, कोयला कंपनियों ने इस अवधि के दौरान गैर-विनियमित क्षेत्र को भारी अतिरिक्त मात्रा में कोयले की आपूर्ति की है।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि इस वर्ष तापीय विद्युत उत्पादन में वृद्धि केवल 2.04 प्रतिशत है, जबकि कोयले के उत्पादन में वृद्धि 9 प्रतिशत से अधिक रही है।
कोयला मंत्रालय का कहना है कि जहां तक रेलवे रेक की उपलब्धता का सवाल है, रेल मंत्रालय द्वारा सभी सहायक कंपनियों के लिए पर्याप्त रेक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले के स्टॉक की पर्याप्त उपलब्धता का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। कोयला, रेल और बिजली मंत्रालय सभी ताप विद्युत संयंत्रों के लिए कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निकट समन्वय में काम कर रहे हैं।
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