नई दिल्ली, 30 जुलाई (आईएएनएस)। भारत ने 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्ति का लक्ष्य रखा है। इस सिलसिले में केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री भगवंत खुबा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका और फ्रांस की हाल ही की सफल यात्राओं पर भी प्रकाश डाला, जो सभी क्षेत्रों में अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों और सपनों को साकार करने के लिए अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक नवीकरणीय ऊर्जा के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं की शुरुआत है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना है।
इस योजना के अंतर्गत 1500 करोड़ रुपये की पीएलआई की पहल की गई है जिसमें 19500 करोड़ रुपये के निवेश के माध्यम से 65 गीगावॉट क्षमता की स्थापना होगी।
वर्ष 2030 तक, भारत का कुल 500 गीगावॉट प्राप्ति का लक्ष्य है, जिसमें से 280 गीगावॉट सौर ऊर्जा से प्राप्त होगा।
स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों के दोहन के प्रति भारत के समर्पण के अनुरूप, सरकार राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के लिए 17500 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना भी लागू कर रही है। वर्तमान में हाइड्रोजन योजना का समर्थन करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में भारत की तीव्र प्रगति को बढ़ावा मिलेगा।
केन्द्रीय मंत्री, रूफटॉप सोलर के लिए राष्ट्रीय पोर्टल की पहली वर्षगांठ और अखिल भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा संघों (एआईआरईए) के स्थापना दिवस में शामिल हुए। इसी दौरान उन्होंने यह जानकारियां दी।
इस कार्यक्रम को भारत के नवीकरणीय ऊर्जा महोत्सव के रूप में मनाया गया, जो ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता प्राप्त करने हेतु देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और बिजली मंत्री सुदीन धवलीकर भी उपस्थित थे। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने हरित और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य सरकार की पहल पर प्रकाश डाला। डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, शुद्ध शून्य लक्ष्य प्राप्ति में गोवा सकारात्मक योगदान देगा।
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