नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। डॉलर, अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल में उछाल की तिहरी मार अब धीरे-धीरे कम हो रही है। इससे बाजार में सुधार का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है। डॉलर और अमेरिकी बांड यील्ड में गिरावट हल्की है और इसलिए, एफआईआई की बिक्री को उलटने के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा, लेकिन ब्रेंट क्रूड के 86 डॉलर तक गिरावट बाजार के लिए एक सकारात्मक संदेश है।
उन्होंने कहा कि व्यापक लाभ के अलावा, कच्चे तेल में गिरावट का असर पेंट, विमानन और टायर जैसे तेल खपत करने वाले उद्योगों के शेयरों पर पड़ेगा।
मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के बावजूद निरंतर एफआईआई बिकवाली ने बैंकिंग शेयरों को प्रभावित किया है। बैंकों के दूसरी तिमाही के नतीजे अच्छे रहेंगे और उनकी वैल्यूएशन आकर्षक है। उन्होंने कहा कि यह अब खरीदारी का अच्छा अवसर है।
पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों का अच्छा प्रदर्शन जारी रहेगा। कमोडिटी की कीमतों में नरमी से ऑटो के दूसरी तिमाही के नतीजे भी अच्छे रहेंगे। उन्होंने कहा, बाजार इस पर पहले से ही छूट देना शुरू कर देगा।
प्रभुदास लीलाधर की तकनीकी अनुसंधान वाइस प्रेसिडेंट वैशाली पारेख ने कहा कि निफ्टी ने 19,333 के नए निचले स्तर को बनाने के लिए गैप डाउन ओपनिंग के साथ और कमजोरी का संकेत दिया है और दूसरी छमाही में नुकसान को कुछ हद तक कम करने के लिए कुछ सुधार देखा गया है।
सूचकांक में मौजूदा स्तरों से प्रमुख समर्थन क्षेत्र के रूप में 19,200 का स्तर होगा और सेंटीमेंट में सुधार के साथ 19,600 से ऊपर जाने के लिए किसी तरह का हस्तक्षेप आवश्यक है। पारेख ने कहा, दिन के लिए समर्थन 19,300 के स्तर पर देखा गया है जबकि प्रतिरोध 19,600 के स्तर पर देखा गया है।
गुरुवार को बीएसई सेंसेक्स 507 अंक ऊपर 65,733 अंक पर है। टीसीएस में 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी है।
--आईएएनएस
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