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प्रतिकूल वैश्विक हालात के बावजूद आरबीआई आईएमएफ से आगे निकला, विकास दर 6.5 फीसदी आंकी गई

प्रकाशित 14/10/2023, 11:41 pm
© Reuters.  प्रतिकूल वैश्विक हालात के बावजूद आरबीआई आईएमएफ से आगे निकला, विकास दर 6.5 फीसदी आंकी गई

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्तवर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले सप्ताह कहा था कि देश दुनिया का विकास इंजन बनने के लिए तैयार है, क्‍योंकि इसने 2023-24 के लिए जीडीपी अनुमान 6.5 प्रतिशत बरकरार रखा।आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 अक्टूबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा का अनावरण करते हुए कहा था कि मजबूत मांग के कारण घरेलू अर्थव्यवस्था लचीलापन प्रदर्शित कर रही है।

उन्होंने कहा कि चालू वित्तवर्ष में आर्थिक वृद्धि जोखिम समान रूप से संतुलित होने के साथ 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

अनुमान वैसा ही है, जैसा अगस्त की मौद्रिक नीति में अनुमान लगाया गया था।

भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान के बावजूद आरबीआई गवर्नर ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन में अपना विश्‍वास दोहराया और 2023-24 के लिए 6.5 प्रतिशत विकास अनुमान का अनुमान लगाने के लिए कई कारण सूचीबद्ध किए।

आइए उनमें से कुछ पर नजर डालें :

उन्होंने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद अपने भाषण में कहा कि असमान मानसून के बावजूद 29 सितंबर तक खरीफ फसलों का रकबा पिछले साल के स्तर से 0.2 प्रतिशत अधिक था।

अधिकांश वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों वाले मॉनसून कोर ज़ोन में वर्षा सामान्य थी, जो दीर्घकालिक औसत का 101 प्रतिशत थी।

दास ने कहा कि जुलाई और अगस्त 2023 में फार्मास्यूटिकल्स, बुनियादी धातु, सीमेंट, मोटर वाहन, साथ ही खाद्य और पेय पदार्थ जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विनिर्माण में सुधार हुआ।

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औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) जुलाई में 5.7 प्रतिशत बढ़ा और अगस्त में मुख्य उद्योगों का उत्पादन 12.1 प्रतिशत बढ़ा।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई), जो एक सर्वेक्षण है जो विनिर्माण के लिए व्यावसायिक गतिविधि और भावना को मापता है, सितंबर में मजबूत रहा।

सेवा क्षेत्र में स्वस्थ विस्तार हो रहा है और निर्माण गतिविधि मजबूत बनी हुई है।

अगस्त 2023 में सीमेंट उत्पादन 18.9 प्रतिशत बढ़ा और स्टील की खपत पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 21.5 प्रतिशत बढ़ी।

उन्होंने बताया कि निजी क्षेत्र अधिक निवेश कर रहा है। जुलाई 2023 में पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन 4.6 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि अगस्त 2023 में समान उत्पादों का आयात 13.3 प्रतिशत बढ़ गया।

आरबीआई के अनुसार, चरम महामारी अवधि यानी अप्रैल से जून 2021 को छोड़कर,2008-09 के बीच अब तक औसत क्षमता उपयोग 73.7 प्रतिशत रहा है।

गवर्नर ने कहा, "बैंकों ने सड़कों, पुलों, अंतर्देशीय जलमार्गों, रेलवे, बिजली, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, रसायनों और उर्वरकों में नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है।"

अगस्त में निर्यात में गिरावट घटकर 1.7 प्रतिशत रह गई है जो पिछले दो महीनों में 10 प्रतिशत से अधिक थी।

इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के बीच सेवा निर्यात पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 5 प्रतिशत बढ़कर 133 अरब डॉलर से अधिक हो गया है।

दास ने कहा, गैर-तेल, गैर-सोना आयात में गिरावट भी धीमी हो गई है।

बढ़ती मुद्रास्फीति के बावजूद आरबीआई ने कहा कि शहरी खपत में लगातार वृद्धि हो रही है, जबकि ग्रामीण मांग में सुधार के संकेत दिख रहे हैं।

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इन सकारात्मक संकेतकों के आधार पर आरबीआई ने 2023-24 के लिए विकास दर को प्रतिस्पर्धी 6.5 प्रतिशत पर रखा है।

इस सप्ताह की शुरुआत में आईएमएफ ने भारत के लिए अपने विकास पूर्वानुमान को बढ़ाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया और कहा कि देश की वृद्धि 2023 और 2024 में मजबूत रहेगी।

आईएमएफ के विश्‍व आर्थिक आउटलुक के अक्टूबर अपडेट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 2023 में 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी, जो कि पहले के पूर्वानुमान 6.1 प्रतिशत से अधिक है।

आईएमएफ ने कहा, "भारत में विकास 2023 और 2024 दोनों में 6.3 प्रतिशत मजबूत रहने का अनुमान है, क्‍योंकि 2023 के लिए 0.2 प्रतिशत अंकों की वृद्धि के साथ अप्रैल-जून के दौरान उम्मीद से ज्‍यादा खपत देखी गई।"

--आईएएनएस

एसजीके

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